बिहारः टॉर्च की रोशनी में हुआ था ऑपरेशन, दो दिन बाद महिला की मौत
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 22, 2018 09:42 AM2018-03-22T09:42:06+5:302018-03-22T09:42:06+5:30
परिजनों ने महिला की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को जम्मेदार ठहराया है। इस मामले में अभी तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।
पटना, 22 मार्च: दो दिन पहले बिहार के सहरसा के सदर अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें टॉर्च की रोशनी में एक महिला का ऑपरेशन किया जा रहा था। इस ऑपरेशन के दो दिन बाद पीड़ित महिला की मौत हो गई। परिजनों ने महिला की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को जम्मेदार ठहराया है। इस मामले में अभी तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।
मृतक महिला के रिश्तेदार ओमकार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'सरकारी अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किया गया। हम इलाज से संतुष्ट नहीं थे। इसीलिए उसे एक प्रावइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर कहते रहे कि वो ठीक है और हमें दो दिन इंतेजार करवाया। अचानक टूटी हड्डियों और आंतरिक चोट का हवाला देते हुए पटना ले जाने के लिए कहा गया।'
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Bihar: Family of the woman who was operated upon in torch light at Sadar Hospital in Saharsa, mourns her death. She passed away last night. Relatives say 'we hold the administration and their negligence responsible for her death' pic.twitter.com/FwS9WbIfcB
— ANI (@ANI) March 22, 2018
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 18 मार्च को महिला सहरसा के सदर अस्पताल में भर्ती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला का शीघ्र ऑपरेशन जरूरी था और उस वक्त अस्पताल में बिजली नहीं थी। इसी वजह से टॉर्च की रोशनी में ही ऑपरेशन कर दिया गया। वीडियो सामने आने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। देश के अन्य हिस्सों से पहले भी टॉर्च की रौशनी में ऑपरेशन के ऐसे मामले सामने आते रहे हैं।
दिसंबर 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में टॉर्च की रोशनी में 32 लोगों की आंख का ऑपरेशन किया गया था। इस घटना के बाद योगी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठने लगे थे। मीडिया में मुद्दा गर्म होने के बाद यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने उन्नाव से सीएमओ को बर्खास्त कर दिया था।