मेरा नाम मतदाता सूची से गायब, तेजस्वी यादव ने कहा-मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?, पटना डीएम ने बूथ लिस्ट की प्रति साझा की, मतदान केंद्र संख्या 204 पर आपका नाम, जाकर देखिए
By एस पी सिन्हा | Updated: August 2, 2025 16:30 IST2025-08-02T16:28:59+5:302025-08-02T16:30:16+5:30
मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। पूर्व में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।

file photo
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता सूची का प्रारूप जारी किए जाने के बाद सूबे की सियासत गर्मा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनका नाम नई मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीएलओ घर आई थीं, सत्यापन कर गईं, फिर भी मेरा नाम मतदाता सूची से गायब है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब उनका नाम ही नहीं है, तो उनकी पत्नी का नाम कैसे होगा? तेजस्वी ने कहा कि अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?” इस बीच तेजस्वी यादव के आरोपों पर पटना के जिलाधिकारी एस.एन. त्यागराजन ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में दर्ज है और मीडिया में चल रही बातें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं।
जिलाधिकारी के मुताबिक, तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है। पहले उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 171 पर था, जिसे अपडेट कर दिया गया है। जिलाधिकारी कार्यालय ने बाकायदा उस बूथ लिस्ट की प्रति भी साझा की, जिसमें तेजस्वी यादव की तस्वीर और नाम स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
वहीं, तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से यह प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब से कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को सूचित किए बिना ही नाम हटाने जैसे फैसले लिए गए, और जब विपक्ष ने सवाल उठाए, तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सुझावों की भी अनदेखी की गई है।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि हर विधानसभा क्षेत्र में करीब 20,000 से 30,000 मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 8.5 फीसदी मतदाता की संख्या होती है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने न ही हटाए गए मतदाताओं की पूरी जानकारी दी, न ईपिक नंबर, न पता और न ही बूथ संख्या, जिससे विश्लेषण करना भी मुश्किल हो गया है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चोर के दाढ़ी में तिनका है।" तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर चालाकी और साजिश के तहत यह प्रक्रिया चलाई है। उनका कहना है कि मतदाता सूची से हटाए गए लोगों को अब तक यह नहीं बताया गया है कि उनका नाम किस आधार पर और किन कारणों से हटाया गया।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग गया और अपनी बात रखी, लेकिन आयोग ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि जब आपने पहले ही तय कर दिया कौन सरकार बनाएगा फिर चुनाव क्यों? बिहार से हर साल 3 करोड़ श्रमिक बाहर जाते हैं उससे ज्यादा नाम आना चाहिए।
इन सभी का फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ था या नहीं? मतदाताओं को नाम काटने से पहले क्या उन्हें कोई सूचना दिया गया था? क्या 65 लाख मतदाताओं को नोटिस दिया गया? 65 लाख मतदाताओं को क्या अपील का मौका मिला? निर्वाचन आयोग टारगेटेड काम कर रहा है। ऐसे गणना प्रपत्र कितने हैं जिनके पास दस्तावेज नहीं दिए गए। निर्वाचन आयोग सभी बातों को छुपा क्यों रहा?
इस बीच चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है। इस बारे में जिला प्रशासन, पटना ने जांच की। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है।
वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। पूर्व में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।