Bihar Vidhan Sabha: रामकृपाल यादव से गले मिले तेजस्वी, यूपी के बाद बिहार में 'चाचा-भतीजा'?, सिर पर पाग रख विधानसभा पहुंचीं मैथिली ठाकुर
By एस पी सिन्हा | Updated: December 1, 2025 14:47 IST2025-12-01T14:46:39+5:302025-12-01T14:47:41+5:30
Bihar Vidhan Sabha LIVE: नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भी इशारों-इशारों में कुछ बातचीत करते दिखे।

photo-lokmat
पटनाः बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने की प्रक्रिया शुरू की। सबसे पहले मंत्रियों ने शपथ ली, जिसके बाद बाकी विधायकों की बारी आई। सबसे पहले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शपथ ली, जिसके बाद विजय सिन्हा ने शपथ ग्रहण किया। इसके बाद वरीयता क्रम के अनुसार मंत्रियों ने शपथ ली। विधानसभा सचिव ने विधायकों को क्रमवार शपथ के लिए आमंत्रित किया। इसी कड़ी में राघोपुर से एक बार फिर विधायक चुने जाने के बाद राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने विधानसभा में शपथ ग्रहण किया। तेजस्वी यादव विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष होंगे। शपथ ग्रहण से पहले प्रोटेम स्पीकर का संबोधन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में मौजूद रहे।
18वीं विधानसभा के पहले दिन सदन में नए और पुराने चेहरों की मौजूदगी के बीच माहौल काफी जीवंत दिखा। नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के दौरान सदन में अनुशासन और संयम साफ दिखाई दिया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे का स्वागत किया। इस दौरान जय श्री राम के जयघोष से सदन गुंज उठा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से हाथ मिलाकर अभिवादन किया। हाल के महीनों में दोनों नेताओं के बीच तीखे राजनीतिक बयानबाज़ी देखी गई है, लेकिन आज का यह औपचारिक और संयमित क्षण सत्ता-विपक्ष के रिश्तों में ‘मर्यादा’ की वापसी जैसा प्रतीत हुआ।
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उसके बाद तेजस्वी से गले मिले। वहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भी इशारों-इशारों में कुछ बातचीत करते दिखे। आज की कार्यवाही का सबसे मानवीय और दुर्लभ दृश्य माना गया। कैमरे इस पल के लिए पहले से तैयार नहीं थे।
लेकिन घटना ने क्षण भर में राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा की लहर पैदा कर दी। वहीं, शपथ ग्रहण के दौरान एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला। राजद विधायक चंद्रशेखर ने शपथ लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
इसके बाद आईआईपी के विधायक आई.पी. गुप्ता भी आगे आए और उन्होंने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब विधानसभा पहुंचे तो कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने फूलों का गुलदस्ता देकर मुख्यमंत्री का गेट पर ही स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया।
मुख्यमंत्री ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों का स्वागत किया। बता दें कि सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा भवन को फूलों से सजाया गया है। विधायक अजय डांगी ऑटो से विधानसभा पहुंचे। जो चर्चा का विषय बना। वरिष्ठ भाजपा नेता और आठ बार के विधायक प्रेम कुमार ने सदन में प्रवेश से पहले प्रणाम कर अपनी परंपरा निभाई।
वहीं, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘यह सरकार वोट चोरी से बनी है, जनता ने इसे स्वीकार नहीं किया है। भले ही विपक्ष की संख्या कम है, लेकिन आवाज पहले की तरह बुलंद रहेगी। सत्र के कार्यक्रम के अनुसार, 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 3 दिसंबर को राज्यपाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।
4 दिसंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सरकार अपना पक्ष रखेगी। अंतिम दिन 5 दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर चर्चा की जाएगी। नए विधायकों की सुविधा के लिए विधानसभा परिसर में विशेष हेल्प डेस्क बनाया गया है। जहां कर्मचारी उन्हें अंदर जाने का रास्ता, बैठने की व्यवस्था और जो भी नए बदलाव किए गए हैं, उनसे संबंधित सहायता प्रदान कर रहे हैं।
पहले दिन सदन में सत्ता पक्ष के नेता जहां एक-एक कर उपमुख्यमंत्रियों को बधाई देते नजर आए, वहीं विपक्ष के नेता भी इस प्रक्रिया में पीछे नहीं रहे। यह दृश्य पिछले कई वर्षों में कम ही देखने को मिला है, जब सत्ता और विपक्ष एक ही मंच पर इतनी सहजता और सम्मान के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते दिखे।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के कभी बेहद खास रहे और अब भाजपा के विधायक बन चुके रामकृपाल यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को गर्मजोशी से गले लगाया। ‘चाचा-भतीजा’ की इस मुलाकात ने सदन के माहौल को खुशनुमा बना दिया। भाजपा के दो विधायक इस महत्वपूर्ण मौके पर अनुपस्थित रहे।
जीवेश मिश्रा, जो जाले विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं, और विनय बिहारी, जो लौरिया सीट से जीत दर्ज कर सदन पहुंचे हैं, दोनों शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना दिया है। नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान सबसे कम उम्र की भाजपा विधायक मैथिली ठाकुर ने विधायक पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने पीले रंग की साड़ी पहनी थी और सिर पर पाग धारण कर रखा था। उन्होंने मैथिली भाषा में शपथ ग्रहण किया। विधानसभा में पहुंची लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने कहा कि ये बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत खुश हूं। मेरा एक नया जीवन शुरू होगा। आज का दिन मेरे लिए बड़ा है। शपथ ग्रहण के बाद मैं विधायिका बन जाऊंगी।
इस अवसर पर सबसे अनोखी और चर्चा का विषय बनी घटना थी बरौली सीट से चुनाव जीतकर आए विधायक विष्णु देव पासवान का अंग्रेजी में शपथ ग्रहण करना। आमतौर पर बिहार विधानसभा में शपथ ग्रहण की परंपरा के अनुसार विधायक हिंदी, मैथिली या संस्कृत भाषा में शपथ लेते हैं। कई बार स्थानीय भाषाओं का भी उपयोग देखा गया है।
लेकिन बरौली के विधायक विष्णु देव पासवान ने इसे एक नए रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत अपनी शपथ अंग्रेजी भाषा में ली। शपथ ग्रहण के दौरान विधानसभा सदन में मौजूद सभी विधायकों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और मीडिया कर्मियों की नजरें केवल इस पर केंद्रित रही।
पासवान का यह कदम कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक था क्योंकि अंग्रेजी में शपथ लेना बिहार विधानसभा में एक दुर्लभ और अनूठा प्रयोग माना जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अन्य विधायक भी अपनी-अपनी भाषाओं में शपथ लेते नजर आए। हिंदी, मैथिली और संस्कृत में शपथ लेने वाले विधायक पारंपरिक रूप से अपनी जिम्मेदारी निभाने की भावना को दर्शा रहे थे।
वहीं, अंग्रेजी में शपथ लेने वाले पासवान ने इस प्रक्रिया में थोड़ी अलग शैली और पेशेवर रवैया पेश किया। इस सत्र के साथ ही बिहार विधानसभा अब हाईटेक बन गई है। सदन की प्रत्येक सीट पर डिजिटल टैब स्थापित किए गए हैं, जिसके माध्यम से विधायक प्रश्नोत्तर, प्रस्ताव, विधेयकों की प्रतियां और अन्य सभी दस्तावेज सीधे टैब पर देख सकेंगे।
यह कदम विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके अलावा सदन में एक उन्नत माइक्रोफोन सिस्टम भी लगाया गया है, ताकि भाषण और संवाद के दौरान कोई तकनीकी बाधा न आए। नए ऑडियो-विजुअल उपकरण न केवल कार्यवाही की गुणवत्ता सुधारेंगे, बल्कि रिकॉर्डिंग प्रणाली को भी मजबूत करेंगे। इन तकनीकी उन्नयनों से सदन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है।



