Bihar Vidhan Parishad Election 2024: सीएम नीतीश कुमार, खालिद अनवर और संतोष कुमार सुमन ने भरा एमएलसी का पर्चा, मुख्यमंत्री ने बनाया नया रिकॉर्ड
By एस पी सिन्हा | Published: March 5, 2024 03:10 PM2024-03-05T15:10:31+5:302024-03-05T15:11:21+5:30
Bihar Vidhan Parishad Election 2024: नीतीश कुमार देश के संभवतः पहले नेता हैं, जो एक बार विधायक, 6 लोकसभा सदस्य और 4 बार विधान पार्षद बनेंगे। यानी 11 बार वे अलग- अलग सदनों के लिए निर्वाचित हुए।
Bihar Vidhan Parishad Election 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इसके साथ ही जदयू उम्मीदवार के रूप में खालिद अनवर और नीतीश कैबिनेट में शामिल और 'हम' के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने भी एनडीए प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया। उनका भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जदयू नेता अशोक चौधरी समेत कई नेता मौजूद थे। लगातार चौथी बार विधान परिषद के लिए नामांकन करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके साथ ही अपने सियासी सफर में एक और नया रिकॉर्ड बना दिया। नीतीश कुमार देश के संभवतः पहले नेता हैं, जो एक बार विधायक, 6 लोकसभा सदस्य और 4 बार विधान पार्षद बनेंगे। यानी 11 बार वे अलग- अलग सदनों के लिए निर्वाचित हुए।
Patna | Bihar Chief Minister and JD(U) national president Nitish Kumar files his nomination for the MLC elections. pic.twitter.com/XwCUvpN0Vx
— ANI (@ANI) March 5, 2024
इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने वर्ष 2000 से 2024 तक 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। ऐसा करने वाले भी वे देश के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं। इस प्रकार चाहे विधानसभा, लोकसभा और विधान परिषद के सदस्य बनने का रिकॉर्ड हो या फिर 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की, यह इतिहास कायम करने वाले वे देश के पहले नेता हैं।
वर्ष 1985 में पहली बार बिहार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए नीतीश कुमार तब से लगातार किसी न किसी सदन के सदस्य हैं। वे विधायक के बाद वर्ष 1989 में बाढ़ संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। लगातार 5 बार (1989,1991,1996,1998 और 1999) वे बाढ़ से सांसद रहे। वहीं 2004 में वे नालंदा से लोकसभा के सदस्य बने।
इस प्रकार छह बार लोकसभा के लिए निर्वाचित होकर नीतीश कुमार ने अपने आम एक रिकॉर्ड बनाया। इस बीच 2005 में नीतीश कुमार बहुमत के साथ बिहार में सरकार बनाए और राज्य के मुख्यमंत्री बने। इसके पहले वर्ष 2000 में वे 7 दिनों के लिए पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन तब वे बहुमत साबित करने में सफल नहीं हुए।
वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने विधान परिषद का रुख किया। वे पहली बार विधान परिषद के सदस्य बने। उसके बाद से वह लगातार विधान पार्षद ही हैं। उन्होंने चौथी बार विधान पार्षद के लिए नामांकन किया है और उनकी जीत तय मानी जा रही है क्योंकि जीत के लिए विधायकों का जो समर्थन चाहिए, वह संख्या जदयू के पास है।
न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि जदयू के खालिद अनवर का भी विधान पार्षद बनना तय है। उधर, भाजपा, राजद और कांग्रेस ने फिलहाल अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है। वैसे राजद से राबड़ी देवी का नाम तय है। राजद के जिन लोगों का कार्यकाल समाप्त हो रहा, उनमें राबड़ी देवी और डॉ. रामचंद्र पूर्वे शामिल हैं।
वहीं, भाजपा के शाहनवाज हुसैन, मंगल पाण्डेय और संजय पासवान का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। वहीं, कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है। जबकि जदयू से नीतीश कुमार और खालिद अनवर का कार्यकाल भी मई में समाप्त हो रहा है।
बता दें कि नामांकन की आखिरी तारीख 11 मार्च है। वहीं, मतदान की तारीख 21 मार्च है। परिणाम 21 मार्च को ही देर शाम घोषित कर दिया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने हाल ही में बिहार विधान परिषद की 11 सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की थी।