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बिहार के सरकारी अस्पतालों में होगी 'जीविका दीदियों' की नियुक्ति, नीतीश की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 28, 2023 08:42 IST

अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इससे 'जीविका दीदियों' के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्हें इन सेवाओं के लिए उचित भुगतान किया जाएगा।’’

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ठळक मुद्दे'जीविका दीदियों' को सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नियुक्त किया जाएगा।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।

पटनाः बिहार सरकार ने एक ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं 'जीविका दीदियों' को सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नियुक्त करने का फैसला किया है। ये महिलाएं रोगियों को साफ-सफाई संबंधी सेवाएं प्रदान करेंगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। यह प्रस्ताव राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंत्रिपरिषद के समक्ष लाया गया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इससे 'जीविका दीदियों' के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्हें इन सेवाओं के लिए उचित भुगतान किया जाएगा।’’

सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों में रसोई चलाने के लिए जीविका दीदियों को बाकायदा प्रशिक्षण देंगी। वहीं अस्पतालों में रसोई चलाने के लिए कोई भी इच्छुक महिला महज छह से आठ महिलाओं का समूह बनाकर रसोई चला सकती हैं। राज्य सरकार ने दस अस्पतालों में दीदी रसोई की अनूठी पहल के आधार पर सभी अस्पतालों में यह काम जीविका दीदियों को देने का निर्णय किया है। 

इन अस्पतालों में है दीदी रसोई

वैशाली सदर अस्पताल, बक्सर सदर अस्पताल, शेखपुरा सदर अस्पताल, गया सदर अस्पताल, शिवहर सदर अस्पताल, सहरसा सदर अस्पताल, शेरघाटी अनुमंडल अस्तपाल, आरबीआइ कैंटीन और डीएमआइ, पटना के छात्रावास में जीविका की दीदियां रसोई चला रहीं हैं।

बिहार के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने पूरे राज्य के अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का निर्देश दिया है। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी नए अस्पतालों का निर्माण कराया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर विधानसभा में पांच- पांच स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पूरे राज्य में 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कराया जा रहा है।  

भाषा इनपुट के साथ

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