बिहार: सदर अस्पताल से आई एक दर्दनाक तस्वीर, एबुंलेंस नहीं मिलने से तीन साल के बच्चे ने तोड़ा दम, जिलाधिकारी ने की कार्रवाई

By एस पी सिन्हा | Published: April 11, 2020 07:06 PM2020-04-11T19:06:42+5:302020-04-11T19:06:42+5:30

बच्‍चे को इसके पहले स्‍थानीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में दिखाया गया था. लेकिन वहां सुधार नहीं होने पर मात-पिता उसे किसी तरह जहानाबाद अस्‍पताल ले गए थे. 

Bihar: three-year-old child broke due to lack of ambulance Sadar Hospital District Magistrate took action | बिहार: सदर अस्पताल से आई एक दर्दनाक तस्वीर, एबुंलेंस नहीं मिलने से तीन साल के बच्चे ने तोड़ा दम, जिलाधिकारी ने की कार्रवाई

बिहार: सदर अस्पताल से आई एक दर्दनाक तस्वीर, एबुंलेंस नहीं मिलने से तीन साल के बच्चे ने तोड़ा दम, जिलाधिकारी ने की कार्रवाई

Highlightsगिरजेश ने बताया कि जहानाबाद सदर अस्‍पताल में डॉक्टरों ने बच्‍चे की गंभीर हालते देखते हुए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल जाने को कहा. पीएमसीएच रेफर करने के बावजूद अस्‍पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस उपलब्‍ध नहीं कराया.

पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण बीच बिहार के जहानाबाद से एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. इस खबर ने राज्य में स्वास्थ्य विभाग की स्थिती की पोल भी खोल दी है. सदर अस्पताल की लापरवाही के कारण एंबुलेन्स उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण तीन वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गई. वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद जहानाबाद के जिलाधिकारी ने सात लोगों पर कार्रवाई की है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार अरवल जिला अंतर्गत कुर्था थाना के शाहपुर गांव निवासी गिरजेश कुमार पत्‍नी व तीन साल के बीमार बच्‍चे रिशू कुमार को लेकर लॉकडाउन में किसी तरह जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे. बच्‍चे को बीते कुछ दिनों से खांसी-बुखार था. बच्‍चे को इसके पहले स्‍थानीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में दिखाया गया था. लेकिन वहां सुधार नहीं होने पर मात-पिता उसे किसी तरह जहानाबाद अस्‍पताल ले गए थे. 

गिरजेश ने बताया कि जहानाबाद सदर अस्‍पताल में डॉक्टरों ने बच्‍चे की गंभीर हालते देखते हुए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल जाने को कहा. लेकिन पीएमसीएच रेफर करने के बावजूद अस्‍पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस उपलब्‍ध नहीं कराया. उन्होंने बताया कि वे लॉकडाउन में निजी गाडी का इंतजाम नहीं कर सके और अस्‍पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस मांगने पर उपलब्‍ध नहीं होने की बात कही. जबकि, अस्‍पताल में दो-तीन एंबुलेंस खडे थे. 

बदहवास मां-बाप पैदल ही गाड़ी खोजते पटना की ओर निकल पडे. उन्‍हें उम्‍मीद थी कि रास्‍ते में कोई इंतजाम हो जाएगा. लेकिन अस्‍पताल से कुछ ही दूर राष्‍ट्रीय उच्‍च पथ 83 पर जाने के बाद बच्‍चे की मौत हो गई. इसके बाद वे शव को गांव ले जाने के लिए फिर अस्पताल प्रबंधन के पास मदद की गुहार लेकर पहुंचे. लेकिन इसबार भी नाउम्‍मीदी ही हाथ लगी. बाद में वहां से गुजरते समय भाजपा नेता इंदु कश्‍यप ने रुककर सारी बातें सुनी तथा अपनी गाडी देकर मदद की. इसके बाद मात-पिता अपने बच्चे का शव लेकर गांव पहुंच सके.

वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद जहानाबद के जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सात लोगों पर कार्रवाई की है. जिलाधिकारी ने अस्पताल के हेल्थ मैनेजर को निलंबित कर दिया है. साथ ही दो चिकित्सकों और चार नर्सों पर कड़ी कार्रवाई के लिए विभाग को अनुशंसा कर दी है. इसके अलावा एंबुलेन्स एजेंसी के सुपरवाइजर पर भी गाज गिरने की बात बताई जा रही है. वहीं, इस घटना के संबंध में सिविल सर्जन ने कहा है कि अगर एंबुलेन्स कर्मी दोषी पाया गया, तो कार्रवाई की जायेगी. मामले की जांच की जा रही है।

 

Web Title: Bihar: three-year-old child broke due to lack of ambulance Sadar Hospital District Magistrate took action

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