बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केन्द्र सरकार और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा और एनडीए की सरकार संघमय सरकार है. ये सरकार गोवलकर के रास्ते पर सरकार चल रही है और ये लोग किस विचारधारा के हैं, ये किसी से छुपी नहीं है. उस विचारधारा के खिलाफ हम लडाई लड रहे हैं. इस दरौन उन्होंने शिक्षा, बाढ और जातीय जनगणना सहित कई मुद्दों को लकेर सरकार पर निशाना साधा.
पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने जातीय जगणना को लेकर सरकर पर हमाल बोला. उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अगर जातिगत जनगणना को लेकर सडक पर नहीं आते तो मुहिम में सफल नहीं होती. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि वंचित समाज मुख्य धारा में आये. केंद्रीय मंत्री ने संसद में कहा कि जातिगत जनगणना नहीं होगी. इसलिए हमलोग एक जुट हुए और पीएम मोदी से मिले. अभी हमलोगो पीएम मोदी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे जातपात की राजनीति बताते हैं. लेकिन ये समझना होगा कि जब धर्म की गिनती हो रही है, तो जाति की गिनती क्यों नहीं होनी चाहिए. विकास की योजना बनाने में जातीय जनगणना से फायदा होगा. हमलोगों की ये लडाई जारी रहेगी. तेजस्वी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार नहीं करती है, तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर कराए. उन्होंने कहा कि इसको लेकर पूरे देश में आंदोलन होगा. सोनिया गांधी जी ने इसके समर्थन में एक कमिटी बनाई है. हम देश के सभी नेताओं से दल बात करेंगे और सभी से संपर्क करेंगे. इसको लेकर एक सर्वसमति से माहौल बनाएंगे.
उन्होंने जेपी विश्वविद्यालय के सिलेबस में हुए बदलाव को लेकर भी तंज कसते हुए कहा कि महापुरुषों का जिक्र पाठ्यक्रम से हटाया गया. जेपी का विषय हटाया गया. ये संघी सरकार है. बिहार में शिक्षा की स्थिति को लेकर अपना भडास निकालते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा की क्या स्थिति है? शिक्षकों की क्या स्थिति है? नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था बर्बाद कर दिया. एक परीक्षा ढंग से नहीं हो रही.
शिक्षक परेशान हैं लेकिन सरकार मनमानी कर रही. सरकार का इंटरेस्ट एजुकेशन क्वालिटी सुधारने में क्यों नहीं है? पद क्यों खाली हैं? शिक्षा का स्तर बिहार में सबसे ज्यादा खराब है. यहां अफसरशाही हावी है. यहां परीक्षा में साउथ की हिरोइन पास कर जाती है. वहीं, किसानों के मसले पर कहा कि आज किसान तबाह परेशान हैं सडको पर अधिकार के लिए लड रहे हैं.
उन्होंने कहा, तानाशाही सरकार किसानों की बात दुख तकलीफ नहीं सुन रही. आज किसान महापंचायत कर रहे हैं. सरकार किसानों की बात नहीं सुन रहे. दाल में कुछ काला है. राजद नेता ने कहा कि बाढ को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है? बिहार का बाढ आर्टिफिशियल हो या आपदा हो. रोकने की जिम्मेवारी सरकार की है. नुकसान तो बिहार का ही हो रहा है.