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बिहार की टीचर गुजरात में रहकर 5 महीने से लेती रही सैलरी, एक दिन भी नहीं आई थी स्कूल, जानें पूरा मामला

By आजाद खान | Updated: March 30, 2023 14:39 IST

इस बात के सामने आने के बाद बिहार के शिक्षा विभान ने महिला और उसका साथ देने वाले संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की है।

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ठळक मुद्देबिहार की एक टीचर द्वारा फर्जी तरीके से 5 महीने तक सैलेरी लेने का आरोप लगा है। आरोप है कि लेडी टीचर एक दिन भी स्कूल नहीं आई है और हर महीने वेतन लेती रही है। यही नहीं खबर यह भी है कि महिला गुजरात में रहकर बिहार में पढ़ाने के लिए सैलेरी लेती थी।

पटना: बिहार के खगड़िया जिले के एक महिला सहायक शिक्षिका पर बिना स्कूल में पढ़ाए हुए पांच महीने का वेतन लेने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि महिला गुजरात में रहकर बिहार के एक स्कूल में पढ़ाने का फेक हाजरी लगवाकर पिछले पांच महीने से शिक्षा विभाग को धोखा दे रही थी और बिना स्कूल गए सैलेरी उठा रही थी। 

इस बात का खुलासा तब हुआ जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उस स्कूल में पहुंची थी और महिला शिक्षिका वहां पर अनुपस्थित पाया था और पता करने पर यह जानकारी हुआ की वह कई महीनों से स्कूल नहीं आई है। ऐसे में महिला सहायक शिक्षिका समेत एक और शख्स के खिलाफ शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है। 

क्या है पूरा मामला

बिहार के खगड़िया जिले के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली महिला सहायक शिक्षिका पर धोखा देकर बिना स्कूल में पढ़ाए हुए पांच महीने का वेतन लेने का आरोप लगा है। इसका खुलासा तब हुआ जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम उदय महतो ने इस स्कूल का दौरा किया और पाया कि वार्ड नंबर 4 स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाली टीचर सीमा कुमारी स्कूल में मौजूद नहीं है। ऐसे में पता करने यह मालूम हुआ कि सीमा पिछले पांच महीने से स्कूल से गायब है। 

महिला टीचर ऐसे लेती रही सैलेरी

बता दें कि महिला टीचर जिस मूल स्कूल में पढ़ाने के लिए नियुक्त की गई थी वह वहां पढ़ाने के लिए जाती नहीं थी जिसके कारण जिले के भादस गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय शिक्षिका की गौर हाजिरी का रिपोर्ट बनाता था। संबंधित स्कूल के अचानक दौरे पर गई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम उदय महतो ने कहा है कि "जब हमने विभाग से पूछताछ की, तो ऐसा प्रतीत हुआ कि विभाग मासिक वेतन भदस गांव स्थित उसके मूल मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा दिखाई गई उपस्थिति के आधार पर जारी कर रहा है।" 

उन्होंने आगे कहा है कि "प्राथमिक विद्यालय भादस गांव स्थित उसके मूल विद्यालय में अनुपस्थिति रिपोर्ट भेज रहा था। विद्यालय के प्रधानाध्यापक विकास कुमार ने उसकी अनुपस्थिति को उपस्थिति में परिवर्तित कर दिया। उसकी उपस्थिति के आधार पर विभाग सितंबर 2022 से उसका वेतन जारी कर रहा था। हमने सीमा कुमारी और विकास कुमार का वेतन रोकने की अनुशंसा के साथ रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दी है। विभाग ने ऐसा किया है।"

इस मामले में सूत्रों ने कहा है कि 400 से अधिक शिक्षक शिक्षा विभाग के रडार पर है। इन पर सैलेरी लेने के बावजूद भी एक भी दिन स्कूल नहीं जाने और वहां नहीं पढ़ाने का आरोप लगा है।  

टॅग्स :बिहारगुजरातएजुकेशन
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