बिहारः SC के निर्देश के बावजूद पुलिस महकमे के रिक्त पदों पर बहाली नहीं होने पर पटना HC ने जताई नाराजगी

By एस पी सिन्हा | Updated: August 2, 2019 19:37 IST2019-08-02T19:37:48+5:302019-08-02T19:37:48+5:30

बिहारः गृह विभाग के शपथ पत्र को देख कर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब 2020 तक सभी रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है तो किन कारणों से इन पदों को 2023 तक भरने की बात शपथ पत्र में कही गई है.

Bihar: Supreme Court order, patna High Court bihar police department vacant posts | बिहारः SC के निर्देश के बावजूद पुलिस महकमे के रिक्त पदों पर बहाली नहीं होने पर पटना HC ने जताई नाराजगी

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Highlightsसुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद बिहार में पुलिस विभाग के रिक्त पदों पर बहाली को लेकर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार (02 जुलाई) कड़ी नाराजगी जताई. मुख्य न्यायाधीश एपी शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की.खंडपीठ ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को 13 अगस्त को उपस्थित होने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद बिहार में पुलिस विभाग के रिक्त पदों पर बहाली को लेकर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार (02 जुलाई) कड़ी नाराजगी जताई. मुख्य न्यायाधीश एपी शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की. खंडपीठ ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को 13 अगस्त को उपस्थित होने को कहा है.
 
अदालत ने उन्हें उपस्थित होकर यह बताने को कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद पुलिस विभाग के रिक्त पदों को भरने के लिए क्या पहल की जा रही है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से गृह विभाग के उप सचिव ने शपथ पत्र दायर कर अदालत को बताया कि राज्य में पुलिस अवर निरीक्षक के 4586, सिपाही के 22655 और चालक सिपाही के 2039 पद रिक्त हैं. इन पदों को 2023 तक भर लिया जाएगा. 

गृह विभाग के शपथ पत्र को देख कर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब 2020 तक सभी रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है तो किन कारणों से इन पदों को 2023 तक भरने की बात शपथ पत्र में कही गई है. अदालत ने कहा कि अभी बताई गई रिक्तियां वर्ष 2023 में बढ़ कर और ज्यादा हो जाएंगी. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि आखिर आम जनता को कम पुलिसकर्मियों के सहारे कैसे सुरक्षा प्रदान की जाएगी? 

खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद राज्य के पुलिस महकमे में रिक्त पदों को भरने के लिए कछुए की चाल की तरह कार्रवाई गैर कानूनी है. खंडपीठ ने स्पष्ट कहा कि हर हाल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार साल 2020 तक पुलिस महकमे के रिक्त सभी पदों को भरना होगा. 

संविधान में आम जनता को उनकी मूलभूत सुविधाओं के साथ सुरक्षा मुहैया कराना सरकार का दायित्व है. खंडपीठ के समक्ष इस मामले के साथ पुलिस विभाग में अदालती आदेश के बाद भी रिक्त पड़े पदों को नहीं भरने से संबंधित कई अवमानना मामले भी संलग्न थे. 

अदालत ने राज्य निगरानी ब्यूरो में जांच एवं अनुसंधान के लिए सेवानिवृत्त पदाधिकारियों से काम लेने पर भी नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि अगर रिक्त पदों को भर दिया जाता तो इन सेवानिवृत्त अधिकारियों से जिन्हें संविदा पर रखा गया है, अनुसंधान कार्य कराने की जरूरत नहीं पडती. मामले पर अगली सुनवाई 13 अगस्त को की जायेगी. 

Web Title: Bihar: Supreme Court order, patna High Court bihar police department vacant posts

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