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बिहार: नीतीश द्वारा तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकारने पर गर्मायी सूबे की सियासत, उपेंद्र कुशवाहा ने राजद-जदयू विलय की संभावना को बताया मौत के समान

By एस पी सिन्हा | Updated: December 14, 2022 17:05 IST

बिहार में जदयू-राजद के विलय की संभावना पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने खुलकर कहा कि अगर ऐसी बात होती है तो यह मौत के समान होगी। पार्टी के लिए यह आत्मधाती कदम हो सकता है।

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ठळक मुद्देनीतीश द्वारा अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने के ऐलान से गर्मायी सूबे की सियासतजदयू-राजद विलय की संभावना को उपेंद्र कुशवाहा ने मौत के समान बताया उन्होंने कहा कि अगर विलय की बात होती है तो यह पार्टी के लिए आत्मधाती हो सकता है

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने का ऐलान कर दिये जाने के बाद सियासत गर्मा गई है। दरअसल, राज्य  के राजनीतिक गलियारे में एक गंभीर चर्चा जदयू और राजद के विलय को लेकर शुरू हो गई है। ऐसे में इस चर्चा से जदयू के बड़े नेता-कार्यकर्ता व समर्थक भी हतप्रभ हैं।

इस बीच जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने खुलकर कह दिया है कि अगर विलय की बात है तो यह मौत के समान है। यह आत्मधाती कदम हो सकता है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अभी 2025 की बात नहीं बल्कि 2024 पर ध्यान है। कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान के बाद स्वयं तेजस्वी यादव ने बयान दिया है। उस पर गौर करिएगा तो सवाल का जवाब मिल जाएगा।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा है कि अभी हम सब लोगों के सामने 2024 सामने है। लोकसभा का चुनाव पहले है। इसके बाद विधानसभा का चुनाव होना है। अभी पूरी पार्टी के लिए या महागठबंधन के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव टारगेट है। अभी तो कुछ भी बात करेंगे तो उसी की तैयारी के संदर्भ में बात करेंगे।

जदयू और राजद के विलय के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इस पर किसी लेवल पर चर्चा नहीं हुई है। इतनी बड़ी बात पार्टी में बिना चर्चा के कैसे संभव है? फिर भी हम कहेंगे, अगर किसी कोने में यह बात है कि जदयू के विलय का हो रहा है, अगर ऐसा होता है तो सीधे तौर पर यह आत्मघाती कदम होगा। जदयू के लिए इस तरह की बात एक तरह से मौत की बात हो जाएगी। इसलिए ऐसा नहीं हो सकता है।

जदयू नेता ने कहा है कि सबसे पहले बिहार के तमाम राजनीतिक दलों को यह समझना चाहिए की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस एलान के बाद तेजस्वी यादव ने क्या कुछ कहा। उन्होंने कहा कि कुढ़नी के चुनाव प्रचार की समीक्षा करेंगे। विलय जैसी बात या इस तरह की बातों को सुनकर हमारे मतदाता जो अति पिछड़ा, दलित समाज या कुर्मी कुशवाहा समाज के लोग, सामान्य जाति के लोग जो हमें पसंद करते हैं, वैसे लोगों में निश्चित रूप से एक नाकारात्मक संवाद आता है। इसलिए हमने कहा है हम समीक्षा करेंगे। कुढ़नी में ऐसा चुनाव परिणाम कैसे आया इसकी समीक्षा करेंगे। फिलहाल हम यही कहेंगे कि जदयू मजबूती के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में है।

वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे मतदाता विलय की बात सुनकर भटके हुए थे। लेकिन नीतीश कुमार हम सब के नेता हैं। उनके नेतृत्व में हम सब काम कर रहे हैं। फिलहाल 2024 के लिए ही हम सब लोगों की अर्जुन की तरह आंख लगी है। उसी पर सारा फोकस है।

टॅग्स :उपेंद्र कुशवाहाजेडीयूआरजेडीबिहारनीतीश कुमार
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