पटना: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने डोरंडा कोषागार मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर आये फैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिये बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
तिवारी ने कहा है कि लालू प्रसाद के विरोधी जिस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, उससे लगता है कि सियासत की दुनिया में लालू अकेला पापी हैं. बाकी सभी साधु-संत हैं.
शिवानंद ने कहा कि रांची की अदालत से लालू को सजा मिलनी ही थी, क्योंकि यह अदालत इसी से जुड़े अन्य मामलों में सजा दे चुकी है. इसलिए तय था कि इस मामले में भी सजा मिलेगी ही. सबको पता है कि यह एक ही मामला है, जिसको पांच मानकर सुनवाई हो रही है. इसलिए सजा मिलना तो प्रत्याशित ही था.
उन्होंने कहा कि सजा सुनाये जाने के बाद लालू यादव के विरोधी जिस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, जैसे ये सब लोग साधू हैं.
शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को दिलाई 2015 के चुनाव की याद
साल 2015 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए शिवानंद ने कहा कि हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होने या नहीं होने के पीछे राजनीतिक मकसद होता है. नीतीश कुमार उस चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में अभियान चला रहे थे. भाजपा की ओर से प्रचार की कमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हांथ में थी. उस दरमियान उन्होंने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटाले के कितने आरोप लगाए थे. जहां तक मुझे स्मरण है, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर की चुनावी सभाओं में उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटाले के 22 आरोप गिनाए थे. उन आरोपों का क्या हुआ? कहीं वे आरोप नीतीश कुमार के पाला बदलकर प्रधानमंत्री वाले गठबंधन में चले जाने का कारण तो नहीं बने. शिवानंद ने कहा कि विडंबना देखिए कि जिन प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाया था, वे ही आज उन्हें सच्चा समाजवादी का प्रमाणपत्र दे रहे हैं और जिन नीतीश कुमार ने कभी कहा था कि जिस आदमी का नाम लेने से अल्पसंख्यकों के मन में भय समा जाता है, मैं उससे हाथ नहीं मिलाऊंगा. वही नीतीश कुमार आज नरेन्द्र मोदी से सच्चे समाजवादी का प्रमाणपत्र उनकी कृपा मानकर ग्रहण कर रहे हैं.
बता दें कि रांची स्थित डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड की अवैध निकासी के मामले में मंगलवार को रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अलावा 74 अन्य अभियुक्तों को भी अदालत ने दोषी पाया है, जबकि 24 अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. लालू यादव के सजा पर अब 21 फरवरी को सुनवाई होगी.