राज्यसभा चुनावः अप्रैल 2026 में 5 सीट खाली?, 2-2 सीट जदयू और भाजपा और एक सीट चिराग, मांझी ने बेटे संतोष कुमार सुमन से कहा-तू छोड़ दा मंत्री पद का मोह?
By एस पी सिन्हा | Updated: December 22, 2025 14:29 IST2025-12-22T14:27:36+5:302025-12-22T14:29:47+5:30
Bihar Rajya Sabha seat election: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नाराजगी भरे लहजे में अपने पुत्र और राज्य सरकार में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन से कहा कि अगर राज्यसभा की सीट नहीं मिल रही है तो मंत्री पद का त्याग कर दीजिए।

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पटनाःबिहार से राज्यसभा के खाली हो रहे पांच सीटों के लिए एनडीए के भीतर मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है। भाजपा और जदयू के द्वारा दो-दो सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए जाने और बचे एक सीट को लोजपा(रा) को देने की भनक लगते ही हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी राज्यसभा की एक सीट पर अपनी दावेदारी को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। गयाजी में आयोजित हम पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय उन्हें राज्यसभा भेजने का वादा किया गया था, लेकिन अब उस वादे को पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में अपने पुत्र और राज्य सरकार में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन से कहा कि अगर राज्यसभा की सीट नहीं मिल रही है तो मंत्री पद का त्याग कर दीजिए।
मांझी ने अपने पुत्र से कहा कि तू छोड़ दा मंत्री पद का मोह।” इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में इस मुद्दे को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। उन्होंने भाजपा पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव तक हम पार्टी और उन्हें लगातार कम करके आंका गया। मांझी ने कहा कि अगर इस बार भी वादाखिलाफी हुई, तो वह चुप बैठने वाले नहीं हैं।
इसके बाद मांझी ने अपने बेटे को सलाह दी कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पैसों का इस्तेमाल करें। इस दौरान मांझी ने यहां तक कह दिया कि सांसद और विधायक अपने फंड से 10 प्रतिशत कमीशन लेते हैं, और तुम भी लो। उन्होंने अपने बेटे को कहा कि अगर आप नहीं कर रहे हैं तो आपका दोष है। अगर इस साल भी चाहियेगा तो हमको पैसा का जरूरत नहीं है।
हम इस साल भी देंगे। तो 40 और 40 मिलाकर 80 लाख हो जायेगा। किसी छोटी पार्टी के लिए 80 लाख रुपये कम है क्या? कम से कम वसूली तो करिये। वसूली कराइये। अगर 10 परसेंट नहीं दे रहा है तो 5 परसेंट ही वसूलिए। 5 परसेंट लेकर ही काम कीजिये। उन्होंने कहा कि वे खुद अपने सांसद फंड के कमीशन से पार्टी की मदद करेंगे। उन्होंने यह बयान एक कार्यक्रम में सार्वजनिक मंच से दिया।
बता दें कि बीते कुछ दिनों से एनडीए की परेशानी बढ़ाने में जुटे हैं। हाल ही में उन्होंने बिहार चुनाव को मैनेज करने का एक बयान देकर विपक्ष के 'वोट चोरी' के मुद्दे को नई हवा दे दी। बयान में मांझी ने बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने 2020 के चुनाव में एक सीट पर 2700 वोट मैनेज कर दिए थे और हारते हुए अपने उम्मीदवार को विजय दिलाई थी।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया जब विपक्ष की ओर से भाजपा और चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए जा रहे हैं। मांझी का यह बयान विपक्ष दलों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो मांझी ने सफाई देते हुए कहा कि विपक्ष ने वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया है।
वहीं, मांझी के द्वारा राज्यसभा की एक सीट मांगे जाने के सवाल पर बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में राज्य के उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि जीतन राम मांझी एनडीए के घटक दल के मजबूत साथी हैं और उनके लिए हमेशा आदर और सम्मान की भावना है। उन्होंने बताया कि जीतन राम मांझी जी मीडिया को थोड़ा सा मिर्च मसाला मिल गया है।
इसके अलावा उनके दिल में कुछ नहीं रहता। वह सदैव एनडीए के प्रति समर्पित हैं। आपने देखा कि पूरे बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने दिन-रात मेहनत की। इसलिए जो भी बात उन्होंने कही है, वह एनडीए को मजबूत बनाने के लिए कही है, किसी कमजोरी के लिए नहीं। दिलीप जायसवाल ने कहा कि जब टिकट बंटवारे का समय आया था,
तब भी जीतनराम मांझी ने स्पष्ट किया कि किसी भी नेता या पार्टी का हमेशा अपने हित की बात करना स्वाभाविक है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि वे विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि हर नेता या पार्टी अपने हित और पार्टी की भलाई की बात करती है, लेकिन इसमें कहीं विरोध की बात नहीं होती। उधर, रालोमो अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा का फिर से राज्यसभा जाना अब मुश्किल लग रहा है।
इसी के साथ कुशवाहा को मोदी सरकार में जगह भी नहीं मिलेगी। दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा अगले साल अप्रैल में राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं और इस बार भाजपा-जदयू उन्हें वापस राज्यसभा भेजने के मूड में नहीं है। कहा जा रहा है कि भाजपा आलाकमान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों उपेंद्र कुशवाहा से उस वक्त से नाराज चल रहे हैं, जब से बिहार सरकार में अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया है।
सियासी जानकारों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी दोनों परिवारवाद के खिलाफ रहते हैं, इसके बावजूद कुशवाहा ने अपनी पार्टी के कोटे से अपने बेटे को मंत्री बना दिया, जबकि वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। बता दें कि बिहार में अगले साल राज्यसभा की पांच सीटें खाली होने वाली हैं। जिन 5 नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें राजद के प्रेम चंद गुप्ता और एडी सिंह के अलावा जदयू के हरिवंश नारायण सिंह और रामनाथ ठाकुर समेत रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनडीए में जदयू को उसकी दोनों सीटें मिलेंगी। इसके अलावा दो सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं उपेंद्र कुशवाहा वाली सीट इस बार चिराग पासवान के पास जा सकती है। चिराग इस सीट से अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा भेज सकते हैं।