बिहार: डीएसपी के घर छापेमारी में करोड़ों की संपत्ती का चला पता, अवैध बालू खनन और सप्लाई में भागीदारी का आरोप
By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2021 19:16 IST2021-12-15T19:15:48+5:302021-12-15T19:16:47+5:30
एसडीपीओ अनूप कुमार के खिलाफ ईओयू द्वारा यह पहली बार कार्रवाई नहीं की गई है, बल्कि इससे पूर्व भी छापेमारी हुई है, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा के अवैध संपत्ति के होने की जानकारी मिली थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर
पटना: बिहार में आर्थिक अपराध ईकाई के द्वारा बुधवार को एसडीपीओ (डीएसपी) के ठिकानों पर अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में छापेमारी की गई. आरोप है कि औरंगाबाद के तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार ने करोड़ों की अवैध कमाई की है.
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि जिस पुलिस पदाधिकारी के यहां छापेमारी की जा रही है, वह कभी आर्थिक अपराध इकाई में रहकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध बालू खनन के मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने औरंगाबाद सदर के तत्कालिक अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि औरंगाबाद में पदस्थापन के दौरान उन्होंने बालू खनन में गैरकानूनी तरीके से अवैध संपत्ति अर्जित की थी.
एसडीपीओ अनूप कुमार पूर्व में डेढ साल तक आर्थिक अपराध ईकाई में काम कर चुके हैं. पैसे की चमक लेकिन ऐसी रही कि वह खुद भी इससे बच नहीं सके और भ्रष्टाचार के गर्त में गहरे तक डूबते चले गए. अवैध बालू खनन और उसके सप्लाई के खेल में उनकी भागीदारी की बात सामने आई है.
बताया जाता है कि एसडीपीओ अनूप कुमार के खिलाफ ईओयू द्वारा यह पहली बार कार्रवाई नहीं की गई है, बल्कि इससे पूर्व भी छापेमारी हुई है, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा के अवैध संपत्ति के होने की जानकारी मिली थी. अब एक बार फिर से उनके पटना के भूतनाथ रोड आवास, गया के पैतृक आवास और रांची स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की गई है.
बालू खनन के नजरिए से देखें तो औरंगाबाद सबसे प्रमुख केन्द्र है, यहां कुछ महीने पहले ही एसपी को निलंबित किया गया था. पिछले हफ्ते ही यहां के पूर्व जिला परिवहन अधिकारी के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी, उन पर भी अवैध बालू खनन में शामिल गाड़ियों को पास कराने का आरोप था.
इस संबंध में एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि औरंगाबाद में पदस्थापन के दौरान संदिग्धों से इनकी दोस्ती हो गई थी. बिचौलियों का अक्सर इनके साथ मिलना-जुलना था. अवैध बालू उत्खनन करने वाले माफियाओं के साथ साठगांठ थी. यह बातें तब सामने आई, जब बालू माफियाओं के साथ देने वाले राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की जांच चल रही थी.
इसके बाद अनूप कुमार के खिलाफ जांच हुई, उनके खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर 13 दिसंबर को प्राथमिकी नंबर 29/2021 दर्ज दर्ज की गई. मंगलवार को ही कोर्ट से सर्च ऑपरेशन के लिए आदेश लिया गया और बुधवार को कार्रवाई शुरू कर दी गई.