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बिहार: नवादा के पोस्टल डिपार्टमेंट में ढाई करोड़ रुपये के घोटाले का मामला आया सामने, जांच में जुटी पुलिस

By एस पी सिन्हा | Updated: May 10, 2019 16:06 IST

करोडों के इस घोटाले का मामला तब सामने आया, जब करीब चार वर्षों तक कैशियर के पद पर जमे अम्बिका चौधरी का तबादला हुआ.

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ठळक मुद्देबिहार के नवादा में पोस्ट ऑफिस में ढाई करोड़ रुपये का घोटालाकैशियर के पद पर जमे अम्बिका चौधरी के तबादले के बाद सामने आया मामलाकई और अधिकारियों के फंसने की आशंका, विभाग में मचा हुआ है हडकंप

बिहार के नवादा जिले के प्रधान डाकघर में ढाई करोड़ रुपये के घोटाले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. यह घोटाला तब सामने आया, जब करीब चार वर्षों तक कैशियर के पद पर जमे अम्बिका चौधरी का तबादला हुआ. मिली जानकारी के अनुसार सितंबर, 2018 में तबादला होने के बाद भी चौधरी प्रभार नहीं दे रहे थे. प्रभार सौपने का दवाब बढ़ा तो वह कार्यालय से गायब हो गए. 

इस बीच कर्मियों के बीच यह बात सार्वजनिक हो गई कि कैश में हेराफेरी हुई है. इसके बाद फरवरी में डाक अधीक्षक के स्तर से डाक उपाधीक्षक नवीन कुमार, डाक निरीक्षक सुरेश कुमार सहित तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई. जांच में सरकारी रुपये गबन की पुष्टि हुई. 

हालांकि, जांच के दौरान रुपये जमा करने का मौका आरोपी को दिया गया, लेकिन खजांची लगातार फरार रहे. अब इस मामले में खजांची अम्बिका चौधरी व प्रधान डाकपाल कपिल देव यादव के खिलाफ गुरुवार को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. डाक उपाधीक्षक नवीन कुमार ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसके बाद नगर थाना व बुंदेलखंड थाना की पुलिस ने खजांची अम्बिका के पार नवादा डोभरा पर मोहल्ला स्थित घर पर छापेमारी की. 

हालांकि, आरोपी खजांची समेत परिवार के सभी सदस्य नहीं मिले. इसके बाद पुलिस ने घर को सील कर दिया. बताया जाता है कि स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से प्रधान डाकघर का खाता संचालित होता है. बैंक से जो रुपये डाकघर को उपलब्ध कराए जाते थे, उसे सही तरीके से क्रेडिट नहीं किया जाता था. जनवरी महीने में यह मामला सामने आया था, जिसके बाद डाक उपाधीक्षक के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया था. 

जांच में करीब ढाई करोड रुपये की हेराफेरी मिली. जिसके बाद नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. वहीं, विभाग स्तर पर शुरू हुई जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद दो दिनों पूर्व प्रधान डाकपाल और खजांची को निलंबित कर दिया गया था. 

अब यह मामला सार्वजनिक होने के बाद इसमें और कई अधिकारियों के फंसने की आशंका से विभाग में हडकंप मचा हुआ है. जानकारों की अगर मानें तो पोस्टल डिपार्टमेंट में अगर सही तरीके से जांच हो तो कई करोड के और घोटाले के मामले सामने आ सकते हैं. यही नही विभिन्न प्रकार के स्कीमों में भी घोटाले की बात बताई जा रही है.

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