16 नवंबर तक पटना पहुंचे 85 जदयू विधायक?, सरकार गठन को लेकर हलचल तेज, सभी विधायकों से मुलाकात करेंगे नीतीश कुमार
By एस पी सिन्हा | Updated: November 15, 2025 18:35 IST2025-11-15T18:34:28+5:302025-11-15T18:35:34+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में एनडीए ने 243 में से 202 सीटों जीत दर्ज की। 101-101 बराबर सीटों पर लड़ी भाजपा और जदयू में ज्यादा सीटें भाजपा के खाते में आई है।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य में नई सरकार गठन की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों को रविवार शाम तक हर हाल में पटना पहुंचने का सख्त निर्देश दिया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सभी विधायकों से मुलाकात करेंगे। इसी दौरान जदयू विधायक दल की बैठक भी संभावित मानी जा रही है, जिसमें सरकार गठन से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। नीतीश कुमार द्वारा विधायकों को तुरंत पटना बुलाने के निर्देश को राजनीतिक हलकों में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक में नए सरकार गठन को लेकर रणनीति तय होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर भी अहम चर्चा संभव है। इसमें नीतीश कुमार को अगले मुख्यमंत्री के रूप में जदयू में सहमति बन सकती है और विधायकों द्वारा उनके नाम को आगे किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि जदयू विधायक दल की बैठक में नेतृत्व को लेकर अंतिम मुहर लग सकती है।
एनडीए सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे, सत्ता-साझेदारी और सरकार की प्राथमिकताओं पर भी मंथन होगा। नई सरकार के गठन को लेकर पूरे बिहार में राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ गया है और सभी की नजरें सोमवार की प्रस्तावित बैठक पर टिकी हैं, जहां से बड़े फैसलों का संकेत मिल सकता है।
जारी परिणामों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट के 29 मंत्रियों में से 28 मंत्री अपनी-अपनी सीटों पर विजयी हुए हैं, जबकि केवल मंत्री सुमित कुमार सिंह को शिकस्त मिली है। यह परिणाम न सिर्फ एनडीए सरकार के प्रति जनसमर्थन को दर्शाते हैं, बल्कि जदयू-भाजपा के संयुक्त प्रदर्शन को भी मजबूत बनाते हैं।
बता दें कि चुनाव परिणामों के अनुसार एनडीए ने इस बार प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। भाजपा को 89, जदयू को 85, लोजपा (रामविलास) को 19, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 5 और रालोमो को 4 सीटें मिली हैं। कुल मिलाकर एनडीए आराम से बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए सरकार बनाने की स्थिति में है।
एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर कायम है संशय, भाजपा ने साधी चुप्पी
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद नई सरकार के गठन पर कवायद शुरू हो गई है। इस बीच सियासी गलियारों में यह सवाल तैरने लगा है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? हालांकि जदयू ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे।
वहीं, एनडीए में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने मुख्यमंत्री पद को लेकर थोडी संशय की स्थिति बना दिया है। भाजपा का कहना है कि एनडीए के विधायक मिलकर अपना नेता तय करेंगे। इसके बाद नई शपथ ग्रहण समारोह होगा। उधर, विधान चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हलचल बढ़ गई है।
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, विजय कुमार चौधरी एवं श्याम रजक के अलावे लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर जाकर मुलाकात की। इसके बाद ललन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है।
वहीं, श्याम रजक ने भी स्पष्ट किया कि नीतीश ही फिर से मुख्यमंत्री होंगे। इसतरह जदयू के तमाम नेताओं ने यह दावा किया कि टाईगर अभी जिंदा है और मुख्यमंत्री कोई बनेगा तो वह नीतीश कुमार ही है। दूसरी ओर, भाजपा खुलकर नीतीश कुमार का नाम बोलने से बच रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी एक-दो दिन पार्टी बिहार की जनता को धन्यवाद देने के लिए कार्यक्रम करेगी। इसके बाद सभी पार्टियों के विधायक अपना-अपना नेता चुनेंगे। फिर एनडीए के विधायक मिलकर अपना नेता चुनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के गठन की संवैधानिक प्रक्रिया यही है।
नीतीश कुमार के फिर से मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। वहीं, यह पूछे जाने पर कि पार्टी क्या सम्राट चौधरी पर भी विचार कर सकती है? इसपर उन्होंने कहा कि ऐसी बेबुनियादी सवालों का मैं जवाब नही दे सकता। इस बीच बिहार चुनाव में भाजपा के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी एक चैनल से बातचीत में मुख्यमंत्री के सवाल पर नीतीश कुमार का नाम लेने से बचे।
उन्होंने इतना कहा कि अगला मुख्यमंत्री एनडीए का ही होगा यह तय है। बता दें बिहार विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में एनडीए ने 243 में से 202 सीटों जीत दर्ज की। 101-101 बराबर सीटों पर लड़ी भाजपा और जदयू में ज्यादा सीटें भाजपा के खाते में आई है। भाजपा ने 89, जदयू ने 85, लोजपा(रा) ने 19, हम ने 5 और रालोमो ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की।
एनडीए की सहयोगी चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(रा) का भी प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। 29 सीटें लड़कर 19 सीटें जीतने में सफल रही। शनिवार को पार्टी कार्यालय में लोजपा(रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान का भव्य स्वागत हुआ। बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह गोविंदगंज के विधायक राजू तिवारी को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया।
इस मौके पर चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने उन 19 कठिन सीटों पर जीत दर्ज की है, जिनमें 16 एनडीए की सीटिंग नहीं थी। इनमें चार सीट पर पिछले चुनाव में हार मिली थी जबकि 9 सीट पर पिछले दस साल से और दो सीट पर 15 साल से एनडीए को जीत नहीं मिली थी।
गठबंधन ने शून्य विधायक वाली हमारी पार्टी को ऐसी 29 सीट देकर जो विश्वास जताया था, उस पर हमने खरा उतरने की पूरी कोशिश की। प्रेस वार्ता में चिराग पासवान ने कहा कि जीत के बाद हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर भविष्य के गठबंधन की रूपरेखा पर भी चर्चा की है।
हम लोगों ने तय किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। इसमें कोई संदेह नही है। वहीं उप मुख्यमंत्री पद के सवाल पर चिराग ने कहा कि जब तक गठबंधन के अंदर इन मुद्दों पर बातचीत पूरी नहीं हो जाती, इसे बताया नहीं जा सकता।