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Bihar Politics News: "ऑपरेशन लालटेन" के सामने "ऑपरेशन लोटस", अंजाम देने में जुटे लालू यादव, भाजपा ने विधायकों को बोधगया शिफ्ट किया, कांग्रेस एमएलए हैदराबाद में

By एस पी सिन्हा | Updated: February 9, 2024 16:34 IST

Bihar Politics News: विनोद तावड़े सभी विधायकों को अकेले में बुलाकर 5-10 मिनट तक बात कर रहे हैं। यह सिलसिला गुरुवार से ही जारी है। प्रमंडल वाइज विधायकों को बुलाया जा रहा है।

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ठळक मुद्देभाजपा के अंदर खौफ ऐसा कि सभी विधायकों से लगातार संपर्क स्थापित किया जा रहा है।लालू यादव पटना में बैठकर "ऑपरेशन लालटेन" को अंजाम देने में जुटे हैं। बोधगया में प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है ताकि सभी विधायकों को इकट्ठा रखा जा सके।

Bihar Politics News: बिहार की सियासत में एक बार फिर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के उस बयान की गूंज सुनाई देने लगी है किे "खेल अभी बाकी है।" इसका कारण यह है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के द्वारा "ऑपरेशन लालटेन" की मुहिम तेज कर दी गई है। लालू के द्वारा "ऑपरेशन लालटेन" के डर से "ऑपरेशन लोटस" चलाने वाले घबरा गए हैं। शायद यही कारण है कि भाजपा ने आज अपने सभी विधायकों और विधान पार्षदों को बोधगया में शिफ्ट कर दिया है। सूत्रों की मानें तो लालू यादव पटना में बैठकर "ऑपरेशन लालटेन" को अंजाम देने में जुटे हैं। लालू का दांव कहां तक सफल होगा यह फिलहाल नहीं कहा तो नहीं जा सकता। लेकिन बिहार में खेला होने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा के अंदर खौफ ऐसा कि सभी विधायकों से लगातार संपर्क स्थापित किया जा रहा है।

उनके मन-मिजाज को टटोला जा रहा है। ऐसे में आनन-फानन में पटना से बाहर बोधगया में प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है ताकि सभी विधायकों को इकट्ठा रखा जा सके। इतना ही नहीं, बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े भी पटना में डेरा जमाए हुए हैं और पहली दफे सभी विधायकों से वन-टू-वन मिल कर उनके मिजाज को समझ रहे हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सभी 78 विधायकों पर पैनी नजर रखे हुए है।

हाल के वर्षों में पहली दफे ऐसी नौबत आई है कि विधायकों के मन को टटोला जा रहा है। उनके जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की जा रही है। विनोद तावड़े सभी विधायकों को अकेले में बुलाकर 5-10 मिनट तक बात कर रहे हैं। यह सिलसिला गुरुवार से ही जारी है। जानकारी के अनुसार, प्रमंडल वाइज विधायकों को बुलाया जा रहा है।

तावड़े खुद विधायकों से सुझाव और शिकायत दोनों मांग रहे हैं। विधायक अपनी बात प्रदेश प्रभारी के समझ रख रहे हैं। कई विधायकों ने अपने प्रभारी को कई तरह के सुझाव भी दिए हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर ऐसी कौन सी नौबत आ गई है कि प्रभारी सभी विधायकों से अकेले में बात कर रहे हैं?

दरअसल, 12 फरवरी को एनडीए सरकार का विश्वास मत है। ऐसे में विश्वास मत से पहले भाजपा अपने सभी विधायकों को विश्वास में लेना चाहती है। विधायकों के मन को टटोलना चाहती है और उनकी शिकायत सुनना चाहती है। एक और महत्वपूर्ण चर्चा यह कि बिहार में 6 सीटों पर रास के चुनाव होने हैं।

भाजपा के खाते में 2 सीटें जाएंगी। इनमें एक पर विनोद तावड़े को राज्यसभा भेजा सकता है। इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। संभवतः एक वजह यह भी हो सकता है कि बिहार प्रभारी सभी विधायकों से वन-टू-वन मिलकर व्यक्तिगत समीकरण बिठा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार में नई सरकार के विश्वास मत से पहले राजनीतिक तपिश चरम पर पहुंच गई है। विधायकों में टूट की आशंका से न सिर्फ विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष भी चिंतित है। कांग्रेस पार्टी टूट की आशंका से इस कदर भयभीत है कि अपने विधायकों को दूसरे राज्य में शिफ्ट कर दिया।

जदयू और भाजपा भी अपने-अपने विधायकों पर कड़ी नजर रख रही है। कांग्रेस के 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा चुका है। बाकी तीन विधायक हैदराबाद नहीं पहुंचे हैं। वहीं, राजद भी अपने विधायकों पर निगरानी रख रही है। जबकि जदयू ने भी विश्वासमत से पहले 11 फरवरी को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है ताकि विधायकों पर नजर रखी जाए।

बिहार में खेला होने के राजद के दावे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया पलटवार, कहा-जो खेला होना था हो गया

बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद नीतीश सरकार के विश्वासमत को लेकर जारी दावे और प्रतिदावे के बीच सियासत गर्माई हुई है। राजद के द्वारा खेला किए जाने का दावा किए जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जो खेला होना था हो गया। कितना दिन लूट मचाते, अब कोई खेला नहीं होना है। राजद की हालत ऐसी है कि रस्सी जल गया है, लेकिन ऐंठन नहीं गई।

भाजपा विधायकों को बोधगया शिफ्ट किए जाने पर विपक्ष का कहना है कि भाजपा डरी हुई है। जिसको लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि कौन डरी हुई है और कौन हटी हुई है, यह सब 12 तारीख को सब पता चल जाएगा। वहीं, रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले में सुनवाई पर उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा। वह लिए होंगे और नहीं लिए होंगे तो वह बताएंगे। जो लिए हैं, वहीं बताएंगे।

जो जैसा करेगा वो वैसा पाएगा। इसलिए भारत की सरकार किसी पर पूर्वाग्रह से काम नहीं करती है, कानून अपने स्तर से अपना काम करती है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सम्राट चौधरी ने कहा था कि आने वाले दिनों में बिहार में भाजपा की अपने बलबूते पर सरकार बनाएगी। जिसको लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि हर पार्टी चाहता है कि उसकी सरकार बने।

माले से जाकर पूछिए, वह भी बोलेगा कि मेरी सरकार होगी। कोई ऐसी पार्टी नहीं है जो नहीं चाहेगा कि उसकी सरकार हो तो भाजपा क्यों नहीं चाहेगी? वहीं राहुल गांधी के इस बयान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी बताए कि वो किस जाति धर्म के हैं? वो हिन्दू हैं, पारसी हैं, कि सिख हैं, कि ईसाई। नरेंद्र मोदी को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

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