Bihar Politics News Lok Sabha Elections: पारस और चिराग में खींचतान, विनोद ने परिवार को मनाने की कोशिश की, एक को दिखाएंगे बाहर का रास्ता
By एस पी सिन्हा | Published: March 13, 2024 02:39 PM2024-03-13T14:39:54+5:302024-03-13T14:40:51+5:30
Bihar Politics News Lok Sabha Elections 2024: चाचा-भतीजे में सुलह कराने की भाजपा अब तक की तमाम कोशिश नाकाम साबित हुई है। हालांकि अभी भी प्रयास जारी है।
Bihar Politics News Lok Sabha Elections 2024: बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा का तनाव बढ़ाने में जुटे चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान दोनों को मनाने की कोशिशें जारी है। लेकिन तत्काल दोनों ही भाजपा का टेंशन बढ़ाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों की मानें दोनों में से अब किसी एक को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। दरअसल, चाचा-भतीजे में सुलह कराने की भाजपा अब तक की तमाम कोशिश नाकाम साबित हुई है। हालांकि अभी भी प्रयास जारी है।
बताया जाता है कि बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े की ओर से रामविलास पासवान के परिवार को एक करने की कोशिश की गई थी, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो सके। पशुपति पारस ने साफ कहा कि अब एक होना संभव नहीं है। चिराग के साथ अब उनका दल, दिल और परिवार कभी नहीं मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर चिराग भी बागी रुख अपनाए हुए हैं।
चिराग ने वैशाली रैली मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाना साधा था। ऐसे में सियासत के जानकारों का कहना है कि चिराग जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, वह उनकी अपरिक्वता का सबूत दे रही है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार और चिराग की अदावत पहले से चली आ रही है, अब वह भाजपा को भी अपना दुश्मन बना रहे हैं।
अगर वह एनडीए का साथ छोड़कर तेजस्वी संग दोस्ती करते हैं, तो फिर उनका राजनीतिक कैरियर पर संकट आ सकता है। दरअसल, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ऐसे किसी भी नेता को उभरने नहीं देंगे, जो तेजस्वी को चुनौती दे सके। तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालू जब नीतीश कुमार जैसे धुरंधर खिलाड़ी के साथ खेला करने से नहीं चूकते तो चिराग को वह कभी भी निपटा सकते हैं।
चिराग पासवान में उतना दमखम अभी नहीं दिखता कि वह नीतीश कुमार की तरह लालू को सबक सिखा सकें। तेजस्वी भी इसमें कम नहीं हैं। जब वह अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव को कभी आगे नहीं बढ़ने दिए तो चिराग को कैसे आगे बर्दाश्त करेंगे। ऐसे में चिराग पासवान की हठधर्मिता से सियासी जानकार हैरान हैं। मानना है कि चिराग और पारस समय रहते नही माने तो दोनों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।