Bihar Politics News: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पहेली!, विभागों का बंटवारा नहीं होना सियासी गलियारे में चर्चा, जानें
By एस पी सिन्हा | Published: February 1, 2024 03:52 PM2024-02-01T15:52:18+5:302024-02-01T15:53:53+5:30
Bihar Politics News: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने आवास पर गए थे। सहमति की खबर है कि महागठबंधन की सरकार में जदयू के पास रहे कुछ विभाग भाजपा के पास जा सकते हैं।
पटनाः बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार बनने के बाद से मंत्रिमंडल का विस्तार एक बड़ा सवाल बना हुआ है। मंत्रिमंडल का विस्तार के साथ-साथ विभागों का बंटवारा नहीं होना सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच सियासी गलियारे में यह चल रही है कि 10 फरवरी के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है। वैसे यह इस बात पर सहमति बन चुकी है कि 2020 के फॉर्मूले पर ही नए मंत्रिमंडल के गठन पर मुहर लगेगी। जदयू में किन्हें मंत्री पद मिलना है यह भी तय माना जा रहा पर भाजपा से कौन मंत्री बनेगा यह अभी साफ नहीं है। सूत्रों के अनुसार उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर गए थे। इस बात पर सहमति की खबर है कि महागठबंधन की सरकार में जदयू के पास रहे कुछ विभाग भाजपा के पास जा सकते हैं।
वित्त एवं वाणिज्यकर विभाग 2020 में भाजपा के पास थे। तारकिशोर प्रसाद के पास यह विभाग था। अगर 2020 का फार्मूला आगे बढ़ा तो यह विभाग भाजपा के पास चला जाएगा। इसी तरह अनुसूचित जाति व जनजाति व पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भाजपा के खाते में जा सकता है।
वर्ष 2020 के फार्मूले के तहत रेणु देवी के पास यह विभाग था पर महागठबंधन सरकार में यह विभाग जदयू के पास आ गया था। वहीं, उत्पाद एवं मद्य निषेध, परिवहन, शिक्षा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, ऊर्जा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जल संसाधन, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण व भवन निर्माण विभाग जदयू के पास जायेगा।
जबकि राजस्व एवं भूमि सुधार, कानून, खान एवं भूतत्व, पर्यटन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, श्रम संसाधन, लघु सिंचाई, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन, गन्ना उद्योग, सहकारिता, कृषि, कला संस्कृति एवं युवा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, पंचायती राज, उद्योग, आपदा, पर्यावरण एवं वन तथा वित्त भाजपा के कोटे में आएगा।
बता दें कि नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर शाम को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। नीतीश कुमार ने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उन्होंने एक बार फिर एनडीए के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है। नीतीश के अलावा 8 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें तीन-तीन मंत्री भाजपा और जदयू के हैं और एक मंत्री हम पार्टी और एक निर्दलीय है। इसी के साथ बिहार में 18 महीने पुरानी ‘महागठबंधन’ सरकार का अंत हो गया।
नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के साथ विपक्षी ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस’’ (इंडिया गठबंधन) से भी नाता तोड़ लिया। जिसका गठन कुछ महीने पहले लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए किया गया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी।