Bihar Politics News: लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे का मामला अभी इंडिया गठबंधन में सुलझा भी नहीं है कि अब राज्यसभा चुनाव भी सामने आ गया है। ऐसे में राज्यसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी चुनौती राजद, जदयू और कांग्रेस के बीच आ सकती है। दरअसल, बिहार से राज्य सभा की 6 सीटें इसी वर्ष अप्रैल में खाली हो रही हैं।
37 विधायकों के समर्थन की जरूरत
इसमें मौजूदा समय में पांच सीटें इंडिया गठबंधन के खाते में हैं। जिसमें राजद और जदयू के पास 2-2 राज्य सभा की सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास एक सीट है। वहीं रिक्त होने वाली एक सीट पर भाजपा का कब्जा है। बता दें कि राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। ऐसे में विधान सभा में दलीय स्थिति देखें तो कुल 243 सीटें हैं।
भाजपा के 78 और हम के 4 विधायक
इसमें राजद के सर्वाधिक 79 विधायक हैं। वहीं जदयू के 45, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16 (भाकपा- माले 12, भाकपा 2 और माकपा 2 )। जबकि एक निर्दलीय विधायक हैं। वहीं एनडीए का संख्या बल देखें तो भाजपा के 78 और हम के 4 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में एक विधायक एआईएमआईएम का है। यानी राजद आसानी से अपनी दोनों राज्य सभा की सीटें बचा लेगा।
एनडीए को भी 2 राज्यसभा की सीटें आसानी से मिल जाएंगी
वहीं भाजपा और हम के 82 विधायक होने से इस बार एनडीए को भी 2 राज्यसभा की सीटें आसानी से मिल जाएंगी। सबसे बड़ी दुविधा में कांग्रेस और जदयू है, जिनको एक-एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है। कांग्रेस के सिर्फ 19 विधायक हैं।
कांग्रेस 9 संसदीय क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का दावा ठोंक रही है
ऐसे में अखिलेश सिंह को अगर दूसरी बार राज्यसभा भेजने पर कांग्रेस सहमत होती है तो उसे 37 विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा। साथ ही लोकसभा सीटों को लेकर कांग्रेस 9 संसदीय क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का दावा ठोंक रही है।
सुशील कुमार मोदी, मनोज झा का कार्यकाल समाप्त हो रहा
माना जा रहा है कि कांग्रेस से सीट साझा करने पर राजद-जदयू उन्हें राज्यसभा की सीट छोड़ने का दबाव बनाए। अगर ऐसा हुआ तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। वहीं, जदयू की राह भी मुश्किल है। उसे किसी एक को ही राज्यसभा में भेजना पड़ेगा। वहीं किन नेताओं को राज्य सभा भेजा जाए इसे लेकर भी दोनों ओर से कई नेताओं की दावेदारी है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा से भाजपा के सुशील कुमार मोदी, राजद के मनोज झा और अशफाक करीम और जदयू के वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े के साथ कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। ऐसे में इंडिया और भाजपा दोनों ओर से राज्य सभा चुनाव में अपने लिए अधिक से अधिक सीटें जीतने पर अभी से मंथन जारी है।