पटना: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। मंगलवार को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन मांझी ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। संतोष सुमन जीतन राम मांझी के बेटे हैं।
संतोष सुमन नीतीश सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री थे। बताया जा रहा है कि ये इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब उन्होंने वित्त मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात की।
इससे पहले, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने आज ऐलान किया है कि लोकसभा चुनाव में हम एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं।
वहीं 23 जून को आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि हम क्या हैं? हमारे बारे में लोग क्या समझते हैं? इससे कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार हैं, वही जब इसमें कोर्डिनेशन कर रहे हैं तो सब कुछ है। हम रहे या ना रहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। गौरतलब है कि कि जीतन राम मांझी लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए पांच सीट पर दावा कर रहे थे लेकिन अब मांझी इस मांग से सीधे पीछे हट गए हैं।
उन्होंने साफ- साफ कह दिया कि अब उनकी पार्टी बिहार के एक सीट पर भी चुनाव नहीं लड़ने जा रही है। उन्होंने कहा कि हर आदमी को आशावादी होनी चाहिए। बिहार की धरती ऐसी रही है यहां से एक एक इंटरनेशनल घटनाएं घटी है और कामयाबी मिली है। पत्रकारों ने जब पूछा की क्या आप मजाक कर रहे हैं?
मांझी ने कहा की आप जो समझ सकते हैं समझे। मांझी के इस बयान से यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि विपक्षी दलों को एकजुट करने निकले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घर में ही झटका लग सकता है। 23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं का जुटाना होना है।
इस बैठक में शामिल होने के लिए महागठबंधन के साथी 'हम' के संरक्षण जीतनराम मांझी को आमंत्रित नहीं किया गया है। इससे मांझी नाराज बताए जा रहे हैं और उन्होंने नाराजगी भी जाहिर कर दी है। पूर्व मांझी मांझी के रुख से ऐसा लग रहा कि 23 जून से पहले ही नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है।