पटनाः बिहार में हाड़ कंपा देने वाली कड़कड़ाती ठंड के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सियासी पारा सातवें आसमान पर है। राज्य के हर चौक चौराहे पर यही चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मारने वाले हैं? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ऑफर से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। ऐसे में सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मार सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि खरमास के बाद बिहार में बड़ा खेला देखने को मिल सकता है। इन सभी के पीछे तर्क यह भी दिया जा रहा है कि मुख्य विपक्षी दल राजद इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट रुख अपनाए हुए है।
खासकर बीपीएससी अभ्यर्थियों को लेकर जारी सियासी गहमागहमी के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की चुप्पी भी रहस्यमय बनी हुई है। हर मुद्दे पर चाचा नीतीश कुमार पर हमला करने वाले तेजस्वी यादव भी तीखा हमला करने से बच रहे हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच में कुछ ना कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है।
जानकारों का भी मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकती है। 2023 में महागठबंधन से अलग होने से पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एकदम से मौन साध लिया था। वह एक बार फिर से चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर राजद के नेता सक्रिय हो गए हैं।
पिछले ही दिनों राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने यह कहा था कि राजनीति में न कोई स्थाई दुश्मन होता है और ना ही दोस्त। समय के साथ परिवर्तन होते रहता है। हालांकि तेजस्वी यादव ने कहा था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं। इस बीच लालू यादव ने दरवाजे खुले होने की बात कहकर सनसनी फैला दी है।
सूत्रों की मानें तो लालू यादव ने पहले अपने विश्वासपात्र विधायक भाई वीरेंद्र के जरिए संदेश भिजवाया था। लेकिन जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से कोई संकेत नहीं मिला तो उन्होंने खुलकर अपना संदेश दे दिया है। लालू यादव ने साफ-साफ कहा है कि हमारे दरवाजे खुले हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) भी अपने दरवाजे खोलने चाहिए।
लालू यादव के इस बयान से सियासी हलचल बढ़ गई है। इस बीच सियासत के जानकारों का मानना है कि अगर नीतीश कुमार फिर से पलटी मारते हैं तो इसका सर दिल्ली तक देखने को मिल सकता है। कारण कि जदयू के 12 सांसदों का समर्थन भी केन्द्र की मोदी सरकार को मिला हुआ है। अगर नीतीश कुमार पलटी मारते हैं तो मोदी सरकार को संकटों का सामना करना पड़ सकता है।