पटनाः बिहार में सियासी उलटफेर तेज हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करने के लिए आज यानी मंगलवार को शाम चार बजे का वक्त मांगा हैं। सूत्रों ने कहा कि जदयू की बैठक में सीएम ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सियासी तापमान के बीच ट्वीट किया है। ट्वीट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रोहिणी ने लिखा है कि राजतिलक की करो तैयारी आ रहे हैं, लालटेन धारी...। रोहिणी हमेशा बीजेपी के खिलाफ ट्वीट करती रहती हैं।
नीतीश कुमार द्वारा एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाए जाने संबंधी अटकलों के बीच यहां सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की समानांतर बैठकें हुई। बैठक में पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों ने सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि वे उनके साथ हैं, उन्होंने कहा कि वह जो भी फैसला करेंगे वे हमेशा उनके साथ रहेंगे।
आज महागठबंधन की बैठक में राजद विधायक, एमएलसी और राज्यसभा सांसद ने पार्टी नेता तेजस्वी यादव को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया और कहा कि वे उनके साथ हैं. कांग्रेस और वाम दलों के विधायक पहले ही कह चुके हैं कि वे तेजस्वी यादव के साथ हैं। बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हुई।
जदयू से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों के स्थान पर उन पार्टियों के सदस्यों को मंत्री बनाने की मांग कर सकते हैं, जो उनकी पार्टी को सरकार चलाने के लिए समर्थन देगीं।
विपक्षी पार्टी राजद के विधायकों की बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर बुलाई थी। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में ‘मनमुटाव’ की अटकलों के बीच प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ संबंध तोड़ देते हैं तो वह उन्हें और उनकी पार्टी को गले लगाने के लिए तैयार हैं।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मंगलवार को दोनों दलों द्वारा विधायकों की बैठक बुलाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि स्थिति असाधारण है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मौजूदा घटनाक्रम के बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ पता नहीं है।
लेकिन, हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि दोनों दलों (जिनके पास बहुमत हासिल करने के लिए पर्याप्त संख्या है) ने उस समय ऐसी बैठकें बुलाई हैं, जब विधानसभा का सत्र संचालन में नहीं है।’’ तिवारी ने कहा, ‘‘अगर नीतीश राजग को छोड़ने का फैसला लेते हैं तो हमारे पास उन्हें गले लगाने के अलावा और क्या विकल्प है। राजद भाजपा से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर मुख्यमंत्री इस लड़ाई में शामिल होने का फैसला करते हैं तो हमें उन्हें अपने साथ लेना ही होगा।’’