Bihar political crisis Live: रविवार को नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे सीएम नीतीश!, सहयोगियों को कई बार चौंका चुके हैं जदयू अध्यक्ष, देखें कब-कब बने सीएम
By एस पी सिन्हा | Published: January 27, 2024 05:12 PM2024-01-27T17:12:39+5:302024-01-27T17:15:06+5:30
Bihar political crisis Live: नीतीश कुमार एकबार फिर एनडीए में शामिल हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार अब तक आठ दफे अपने सहयोगियों को कई बार चौंका चुके हैं।
Bihar political crisis Live: बिहार में जारी सियासी उलटफेर के बीच एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। यह लगभग तय हो गया है कि नीतीश कुमार रविवार को नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। अब एकबार फिर से राजद और जदयू का गठबंधन टूट गया है। नीतीश कुमार एकबार फिर एनडीए में शामिल हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार अब तक आठ दफे अपने सहयोगियों को कई बार चौंका चुके हैं। यहां तक कि भाजपा भी कभी उनके मन की बात नहीं जान पाई। इसके बाबजूद नीतीश कुमार ऐसे नेता हैं जिन्होंने भाजपा की कई पीढ़ियों के साथ काम किया है। वह अटल बिहारी वाजपेयी-लालकृष्ण आडवाणी और मोदी-शाह की भाजपा में काम कर चुके हैं। साल 2000 में वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे।
साल 2000 में भाजपा के समर्थन से ही नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस समय एनडीए के पास 151 विधायक थे, जबकि राजद के पास 159 विधायक थे। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली, लेकिन सात दिन के भीतर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
#WATCH | Bihar Congress President Akhilesh Singh says, "We have called a meeting of our MLAs tomorrow. Whatever happens in Bihar, will be in our favour..."#BiharPoliticspic.twitter.com/LoNhmJaSgx
— ANI (@ANI) January 27, 2024
इसके बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में रहते हुए ही वह भाजपा के समर्थन के साथ दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। वहीं, 2010 के विधानसभा चुनाव में राजद को तगड़ा झटका लगा था। एनडीए को 206 सीटें मिलीं जो कि 85 पर्सेंट सीटें थीं। वहीं राजद 22 सीटों पर सिमट गई। इस बार जदयू के 141 उम्मीदवार उतरे थे, जिनमें से 115 जीत गए।
2010 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन गए और भाजपा के सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बने। इसके बाद नीतीश 14 साल तक भाजपा के साथ चलते रहे। लेकिन जब प्रधानमंत्री चेहरे के रूप में नरेंद्र मोदी को प्रोजेक्ट किया गया तो दरार पैदा हो गई। दरअसल, नीतीश कुमार खुद को भी पीएम पद का दावेदार मानते थे। अब उनका कहना था कि भाजपा में अटल-आडवाणी का वक्त खत्म हो गया है।
#WATCH | Patna: BJP MP Dr. Sanjay Jaiswal says, " PM Modi will visit Bettiah on 4th February...I requested all the main leaders to be present at the event. People of Champaran are very excited because of PM's visit..." pic.twitter.com/bUVB5O0zrb
— ANI (@ANI) January 27, 2024
इसलिए वह नए लोगों के साथ तालमेल नहीं बैठा पाएंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि रहें या ना रहें, लेकिन भाजपा के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत हुई। वहीं बिहार में उनकी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। इसके बाद नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया।
जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद 2015 के चुनाव में उन्होंने भाजपा का जमकर विरोध किया और बिहार में महागठबंधन का हिस्सा हो गए। यह चुनाव नीतीश ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा। चुनाव के बाद वह मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बन गए।
#WATCH | Bihar: RJD MLA Ritlal Yadav says, "In the meeting, we discussed the preparations for the Lok Sabha elections. We will win all 40 Lok Sabha seats." pic.twitter.com/E1iC7V4MlA
— ANI (@ANI) January 27, 2024
जब 2017 में तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो नीतीश को फिर से पाला बदलने का मौका मिल गया। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एनडीए के साथ मिलकर उन्होंने शपथ ग्रहण किया। लेकिन, 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश ने फिर से भाजपा के साथ चुनाव लड़ा।
लेकिन इस चुनाव में राजद को नुकसान ही हुआ। यह बात नीतीश पचा नहीं पा रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन कुछ दिन बाद ही 2022 में एक बार फिर इस्तीफा दे दिया। उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ फिर से राजद के साथ आ गए और मुख्यमंत्री बन गए। अब एक बार फिर नीतीश कुमार राजद का साथ छोड़ एनडीए के साथ जा रहे हैं।