बिहार की पूर्णिया जिले में पुलिस ने फर्जी हथियार लाइसेंस बनाने और अवैध गन सप्लाई करने के बडे रैकेट्स का खुलासा किया है. पुलिस ने 10 अवैध बन्दूक, 60 कारतूस के साथ नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी सुरक्षा गार्ड बैंकों, अस्पतालों और निजी सुरक्षा गार्डों में तैनात थे. इन्हें फर्जी लाईसेंस बनाकर अवैध हथियारों के साथ सुरक्षा गार्ड के रूप में नौकरी दिलाने का गोरखधंधा चल रहा था.
एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि पूर्णिया में कुछ दलाल लंबे समय से हथियारों का फर्जी लाईसेंस बनाकर लोगों को बंदूक मुहैया कराते थे और सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठते थे. ऐसे बडे गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. एसपी ने बताया कि इसमें कुल नौ लोगों को गिरफ्तार कर इनके पास से 10 बंदूक भी बरामद किया गया है. इनमें पांच दो नाली बंदूक और 60 कारतूस शामिल है.
एसपी ने कहा कि फर्जी लाइसेंस बनाने वाला दो लोग फरार हो गया है. बकौल एसपी यह इंटर डिस्ट्रिक्ट्स रैकेट्स है और पुलिस इसमें लगातार अनुसंधान कर रही है. एसपी ने बताया कि पकडे गए बंदूक में कुछ तो मुंगेर का है औऱ कुछ बंदूक गन हाउस से खरीदा गया है.
उन्होंने कहा कि जो एजेंसी इन लोगों को बैंकों, अस्पताल और बडे लोगों को सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात करती थी, उसकी भी जांच की जा रही है. साथ ही गन मुहैया कराने वाले गन हाउसों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है. वहीं, फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियारों के रैकेट्स के खुलासे के बाद जांच का दायरा बढाया गया.
वहीं, गिरफ्तार किए गए सुरक्षा गार्ड में परमानंद साह ने कहा कि सैदपुर के अरविंद 40 हजार रुपये में उसे गन औऱ लाइसेंस दिया था. वहीं, बैंक में सुरक्षा गार्ड के रुप में तैनात अनिल चौरसिया ने कहा कि दलाल ने उनसे गन देने और लाईसेंस देने के एवज में डेढ़ लाख रुपया लिया था. ऐसे पांच सौ लोग हैं जिनको ये दलाल फर्जी लाइसेंस और गन दे चुके हैं.