बिहार: पॉक्सो मामले में 24 घंटे के अंदर सजा सुनाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाले जज निलंबित, पटना हाईकोर्ट ने की कार्रवाई

By एस पी सिन्हा | Updated: February 10, 2022 14:58 IST2022-02-10T14:55:37+5:302022-02-10T14:58:08+5:30

अररिया प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) कोर्ट के जज शशिकांत राय ने बीते साल नवंबर महीने में पॉक्सो से जुड़े एक मामले में आरोपी को 24 घंटे के अंदर फैसला सुना कर रिकॉर्ड बनाया था. अब उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू हो गई है.

bihar pocso case judge suspended high court | बिहार: पॉक्सो मामले में 24 घंटे के अंदर सजा सुनाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाले जज निलंबित, पटना हाईकोर्ट ने की कार्रवाई

बिहार: पॉक्सो मामले में 24 घंटे के अंदर सजा सुनाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाले जज निलंबित, पटना हाईकोर्ट ने की कार्रवाई

Highlightsपॉक्सो) कोर्ट के जज शशिकांत राय ने 24 घंटे के अंदर फैसला सुना कर रिकॉर्ड बनाया था.सात अन्य न्यायाधीश सभी न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से तत्काल मुक्त.

पटना: पॉक्सो जैसे गंभीर मामले में 24 घंटे के अंदर जिस जज ने आरोपी को सजा का ऐलान कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था. अब उसी जज के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने निलंबित कर दिया है. 

अररिया प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) कोर्ट के जज शशिकांत राय ने बीते साल नवंबर महीने में पॉक्सो से जुड़े एक मामले में आरोपी को 24 घंटे के अंदर फैसला सुना कर रिकॉर्ड बनाया था. अब उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू हो गई है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राय के अलावा सात अन्य न्यायाधीशों को उनकी सभी न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से तत्काल मुक्त कर दिया गया है. इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. 

शशिकांत राय ने 24 घंटे के अंदर इस मामले से जुड़े सभी गवाहों को सुना, वकीलों की दलीलों को सुना और फिर काउंटर को सुनने के बाद फास्ट ट्रैक के तहत सजा का ऐलान कर दिया था. 

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने अपनी तरफ से जो अधिसूचना जारी की है, उसमें कहा गया है कि बिहार न्यायिक सेवा नियम, 2020 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए शशिकांत राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है और जांच जारी रहने तक वह सिविल कोर्ट अररिया मुख्यालय से संबद्ध रहेंगे. 

अधिसूचना के मुताबिक जांच पूरी होने तक जज शशिकांत राय बिना किसी अनुमति के अपना मुख्यालय छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं.

जिन सात न्यायिक अधिकारियों को न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से मुक्त किया गया है, उनमें खगड़िया फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश राजकुमार द्वितीय, मधुबनी के एडीजे इशरतुल्ला, कटिहार के सचिव डीएलएसए विपुल सिन्हा, बांका के एडीजे चंदा मोहन झा, पटना बाढ़ के एडीजे शत्रुघ्न सिन्हा, सासाराम रोहतास के एडीजे परिमल कुमार मोहित और मुजफ्फरपुर (पश्चिम) के उप-न्यायाधीश सह एसीजेएम सतीश चंद्र शामिल हैं. इन्हें अगले आदेश तक सभी न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियों से मुक्त कर दिया गया है.

Web Title: bihar pocso case judge suspended high court

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