बिहार: शराबबंदी के बाद आई मुकदमों की बाढ़ से पटना हाईकोर्ट चिंतित, सरकार और रजिस्ट्रार जनरल से किया जवाबतलब
By एस पी सिन्हा | Updated: September 18, 2019 19:52 IST2019-09-18T19:30:24+5:302019-09-18T19:52:11+5:30
सूबे में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद राज्य की अदालतों में दो लाख से भी अधिक शराबबन्दी के केस लम्बित हैं. इससे अन्य मामलों के निपटारे में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

बिहार: शराबबंदी के बाद आई मुकदमों की बाढ़ से पटना हाईकोर्ट चिंतित, सरकार और रजिस्ट्रार जनरल से किया जवाबतलब
बिहार में शराबबंदी के मामले पर बुधवार (18 सितंबर) पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व रजिस्ट्रार जनरल से जवाब-तलब किया है. दरअसल, सूबे में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद राज्य की अदालतों में दो लाख से भी अधिक शराबबन्दी के केस लम्बित हैं. इससे अन्य मामलों के निपटारे में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि इतनी बड़ी संख्या इन मुकदमों का कैसे निबटारा होगा? राज्य सरकार ने बताया कि इन मामलों की सुनवाई के लिए बड़े पैमाने पर जजों व बुनियादी सुविधाओं की जरूरत होगी, ये सब कैसे होगा?
कोर्ट ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शराबबन्दी संबंधी मामलों की सुनवाई व निपटारे के लिए युध्द स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत है. कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि शराबबंदी के मामले में मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन जजों की संख्या और अन्य सुबिधायें आज भी काफी कम हैं. इस मामले पर 24 अक्टूबर को फिर से सुनवाई की जाएगी.