स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के आवास का एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों ने घेराव किया, वेतन बढ़ोतरी सहित कई मांगों को लेकर आंदोलनरत
By एस पी सिन्हा | Updated: August 6, 2020 18:57 IST2020-08-06T18:57:45+5:302020-08-06T18:57:45+5:30
राज्य में पिछले 56 दिनों से फार्मासिस्ट और एएनएम तीन सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर डंटे हुए हैं. स्वास्थ्यकर्मी मंगल पांडे के घर के आगे धरने पर बैठ गए और जमकर मंत्री के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया.

आज तक वह संविदा पर ही है. उनका वेतन भी कम दिया जा रहा है. जबकि साथ में बहाली डॉक्टरों की सैलरी अधिक है. (file photo)
पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के आवास का एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों ने घेराव किया है. दरअसल, बिहार में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
वहीं राज्य में पिछले 56 दिनों से फार्मासिस्ट और एएनएम तीन सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर डंटे हुए हैं. स्वास्थ्यकर्मी मंगल पांडे के घर के आगे धरने पर बैठ गए और जमकर मंत्री के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया. इनका आरोप है कि सरकार कोरोना संक्रमण में इन से लगातार काम ले रही है, लेकिन इनका मानदेय नहीं बढ़ा रही है.
फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में सभी जी जान से ड्यूटी कर रहे थे, लेकिन अब भी इन्हें महज 14 हजार मानदेय दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर आयुष चिकित्सकों को 44 हजार मानदेय देने का भरोसा दिया गया है.
प्रदर्शन कर रहे लोगों स्वास्थ्यकर्मियों की मांग है कि हमलोगों का डॉक्टरों का एक ही विज्ञापन पर बहाली हुआ था. लेकिन आज तक वह संविदा पर ही है. उनका वेतन भी कम दिया जा रहा है. जबकि साथ में बहाली डॉक्टरों की सैलरी अधिक है.
प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की मांग है कि इनको भी आयुष चिकित्सकों की तरह वेतन बढ़ाया जाए. जब एक ही विज्ञापन पर फार्मासिस्ट, एएनएम और आयुष चिकित्सकों की बहाली हुई थी तो 2018 में केवल आयुष चिकित्सकों के वेतन सरकार ने बढ़ा दिया. जबकि हमलोगों की भी नियुक्ति लिखित परीक्षा के आधार पर ही हुई थी. फिर हमारा वेतन कम क्यों है?
पिछले कई दिनों से हम अनिशिचतकालीन धरना पर बैठे है. लेकिन हमारा कोई सुनने वाला नहीं है. जबकि हम कई बार पत्र स्वास्थ्य मंत्री को भेज चुके है. लेकिन आज मिलने का समय मांगने पर भी मंगल पांडेय नहीं मिल रहे है. इस लिए आज हम यहां धरना पर बैठे है.
बिहार में पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 51 हजार 924 सैम्पल की कोरोना जांच की गई. इसके साथ ही राज्य में अबतक हुए कोरोना जांच की संख्या बढकर 07 लाख 39 हजार 78 हो गई है. पिछले दस दिनों में जांच की संख्या 12,461 से चार गुणा बढ़कर 51 हजार से अधिक हो गई.
इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 15 फीसदी से गिरकर 5.2 फीसदी हो गई. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जांच की क्षमता में बढ़ोतरी और संक्रमण की दर में गिरावट को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और इसके लिए सभी डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की हौसला बढ़ाया.