पटनाः बिहार में सत्ता से बेदखल होने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा है कि राज्य में आतंकी गतिविधियों को बिहार सरकार संरक्षण दे रही है। उन्होंने नीतीश सरकार को घेरे में लेते हुए कई गंभीर आरोप लगा दिए हैं।
डा. जायसवाल ने कहा कि पीएफआई और एसडीपीआई के गठबंधन को बरकरार रखने के लिए ही नई सरकार बनाई गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने आज कहा कि देश के किसी भी हिस्से में आतंकी घटना हो तो उसके तार बिहार से जुड़ रहे हैं। बिहार के कुछ शीर्ष अधिकारी हैं, जो आतंकियों को बचाने में लगे हैं।
डा.जायसवाल ने किसी अधिकारी का नाम लिए बिना कहा कि पटना में 10 और 11 जुलाई को एनआईए छापेमारी में आतंकियों की बड़ी वारदात का खुलासा हुआ। आतंकियों ने कैसे वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची उसका खुलासा हुआ। उस समय बिहार पुलिस ने मजबूरी में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की।
लेकिन इससे बिहार के एक बडे़ अधिकारी नाखुश रहे। साथ ही तेजस्वी यादव को समर्थन करने वाले पीएफआई और एसडीपीआई के एक बडे़ वोट बैंक ने भी इसका विरोध किया। आतंकियों को बचाने वाले अधिकारी और पीएफआई के लोगों ने मिलकर नीतीश कुमार को एनडीए से अलग होने कहा ताकि बिहार में आतंकियों को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि बिहार में लगातार कई घटनाएं घट रही हैं। चाहे वह मुंगेर का मदरसा ब्लास्ट हो या छपरा ब्लास्ट हो। यह पूरी सरकार की साजिश का नतीजा है। डा. जायसवाल ने कहा कि छपरा में 20 दिन पहले छपरा में ब्लास्ट के कारण तीन मंजिला मकान गिर गया, जिसे एसपी साहब ने कह दिया कि ये पटाका से ब्लास्ट हुआ है।
उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत इन सब बातों को छुपाने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा आतंकियों को संरक्षण दे रही बिहार सरकार के राह में भाजपा रोडा थी। इसलिए नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ा। अब तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार सरकार राज्य में फलफूल रहे आतंकियों को बचाएगी।
उन्होंने कहा कि बिहार में पीएफआई को संरक्षण नीतीश कुमार की ओर से मिल रहा है। डा. जायसवाल ने कहा कि सरकार अब एनआईए की जांच को दबाने की कोशिश करेगी। यही वजह है कि बिहार में सरकार तोड़ दी गई। अब आतंकियों का मनोबल बढे़गा और उन्हें कोई रोकटोक करने वाला भी नहीं रहेगा।
डा. जायसवाल ने यहां तक कह दिया कि बिहार में सत्ता परिवर्तन इसीलिए किया गया ताकि यहां आतंकवादियों को बढ़ावा मिल सके। नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी शराबबंदी के बाद में राज्य में शराब तस्करी होने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के संरक्षण में होता है। सरकार के समर्थन से अधिकरियों और पुलिस की मिलीभगत से शराब तस्करी हो रही है। भाजपा शराब से होने वाली मौतों पर सवाल करती थी तो यही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अच्छा नहीं लगता है।