बिहार: सीएम नीतीश कुमार की घोषणा- लगाएंगे अरुण जेटली की प्रतिमा, जयंती पर हर बार होगा राजकीय समारोह

By एस पी सिन्हा | Updated: August 31, 2019 20:31 IST2019-08-31T20:17:42+5:302019-08-31T20:31:23+5:30

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार बनवाने और चलवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. जिस तरह से सरदार पटेल ने देसी रियासतों का विलय करा कर राष्ट्र का एकीकरण किया वैसे ही जीएसटी लागू कर अरुण जेटली ने आर्थिक एकीकरण किया. अगर जेटली नहीं होते तो ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा पर आधारित कर सुधार की प्रणाली जीएसटी को लागू करना असंभव था.

Bihar: Nitish Kumar announces- Arun Jaitley statue will be installed | बिहार: सीएम नीतीश कुमार की घोषणा- लगाएंगे अरुण जेटली की प्रतिमा, जयंती पर हर बार होगा राजकीय समारोह

बिहार के सीएम नीतीश कुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली की फोटो पर पुष्प अर्पित करते हुए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली की बिहार में प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यही नहीं, उनकी जयंती की पर बिहार में राजकीय समारोह होगा. उन्होंने श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि बिहार में हम लोगों को सेवा करने का मौका मिला है, इसमें अरुण जेटली की महत्वपूर्ण भूमिका है. 

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया था. साथ ही बिहार में दो दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की थी. जेटली को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनसे उनके व्यक्तिगत संबंध थे. वहीं, इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार बनवाने और चलवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. जिस तरह से सरदार पटेल ने देसी रियासतों का विलय करा कर राष्ट्र का एकीकरण किया वैसे ही जीएसटी लागू कर अरुण जेटली ने आर्थिक एकीकरण किया. अगर जेटली नहीं होते तो ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा पर आधारित कर सुधार की प्रणाली जीएसटी को लागू करना असंभव था.

सुशील मोदी ने कहा कि अरुण जेटली एक बेहतरीन चुनाव प्रबंधक व कुशल रणनीतिकार थे. प्रखर वक्ता और कठिन समय में पार्टी के संकट मोचक थे. कठोर राष्ट्रवादी होने के साथ ही उनके विचारों में उदारता थी जिसके कारण वे सभी के लिए स्वीकार्य और सहमति निर्माता थे. सैद्धांतिक मुद्दों पर पार्टी के मार्गदर्शक थे. ख्यात वकील होने के साथ ही क्रिकेट में भी उन्हें महारथ हासिल थी.

उन्होंने कहा कि 1989 में अरुण जेटली को एडिशनल सॉलिसिस्टर जनरल बनाया गया था. स्विट्जरलैंड तक जाकर उन्होंने बोफोर्स का मुकदमा लड़ा. तीक्ष्ण स्मरण शक्ति के कारण जेटली 20 साल पुरानी बातों को भी नये संदर्भों में प्रस्तुत करने में सक्षम थे. दिल्ली के सबसे बड़े आयकर दाता अरुण जेटली खाने के शौकीन थे. व्यक्तिगत संबंधों को निभाने वाले जेटली के पास नौकरशाह, राजनेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि के बारे में काफी जानकारी रहती थी.

सुशील मोदी ने कहा कि 1974 में जेपी की अगुवाई में गठित राष्ट्रीय छात्र संघर्ष समिति के संयोजक अरुण जेटली को बनाया गया था. 1973 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष और 1974 में अध्यक्ष चुने गये थे. 7-8 जनवरी, 1974 को दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया स्टुडेंट कान्फ्रेंस में उनसे मिल कर पटना में आयोजित छात्र एकता सम्मेलन में आने का आग्रह किया गया था, जिसमें छात्र संघर्ष समिति गठित की गई थी.

Web Title: Bihar: Nitish Kumar announces- Arun Jaitley statue will be installed

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