बिहार: नीतीश सरकार ने जदयू नेता अश्वमेध देवी को बनाया राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष
By एस पी सिन्हा | Updated: July 26, 2023 16:14 IST2023-07-26T16:10:30+5:302023-07-26T16:14:43+5:30
नीतीश सरकार ने राज्य महिला आयोग का पुनर्गठन किया है। सरकार ने उजियारपुर से जदयू की पूर्व सांसद और समस्तीपुर की पार्टी जिला अध्यक्ष अश्वमेध देवी को राज्य महिला आयोग की जिम्मेदारी सौंपी है।

बिहार: नीतीश सरकार ने जदयू नेता अश्वमेध देवी को बनाया राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष
पटना:बिहार में नीतीश सरकार ने राज्य महिला आयोग का पुनर्गठन किया है। सरकार ने उजियारपुर से जदयू की पूर्व सांसद और समस्तीपुर की पार्टी जिला अध्यक्ष अश्वमेध देवी को राज्य महिला आयोग की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग की उप सचिव की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया है कि बिहार राज्य महिला आयोग में नवनियुक्त अध्यक्ष अध्वमेध देवी के अलावा सात अन्य महिलाओं को भी आयोग का सदस्य बनाया गया है।
दरअसल, महिला आयोग को भंग हुए ढाई साल से ज्यादा का समय बीत चुका था। ऐसे में पिछले लंबे अर्से से इसके पुनर्गठन की मांग चल रही थी। अब राज्य सरकार ने महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में जदयू की पूर्व सांसद अश्वमेघ देवी को कमान दी है। उनके साथ प्रभावती मांझी, डॉ सुजाता सुम्ब्रई, रबिया खातुन, सुनीता कुशवाहा, श्वेता विश्वास, सुलोचना देवी, गीता यादव को सदस्य बनाया गया है।
समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार महिला आयोग की अध्यक्ष एवं सदस्यों के मनोनयन की अधिकतम अवधि 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक होगी। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश सरकार द्वारा महिला आयोग के पुर्नगठन की इस पहल को बेहद खास रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं कई धरों की ओर से महिला आयोग के अध्यक्ष और इसके पुनर्गठन की मांग की जा रही थी, जिसे अब पूरा कर लिया गया है।
मालूम हो कि एक दिन पहले ही नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का भी पुनर्गठन किया था। वहीं अब महिला आयोग का भी पुनर्गठन किया गया है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद अश्वमेध देवी ने कहा कि बिहार राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और मेरे अभिवावक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद देती हूं। अश्वमेध देवी वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। इसके पहले वह वर्ष 2000 में पहली बिहार विधानसभा के लिए चुनी गई और 2009 तक विधायक रही हैं।