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बिहार: लालू के दबाव में झुके नीतीश, किया बोर्ड निगमों का पुनर्गठन, लालू के करीबी भोला यादव को मिली जगह

By एस पी सिन्हा | Updated: July 26, 2023 16:59 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी दल राजद के साथ तालमेल करके राज्य के सभी बोर्ड-निगमों को पुनर्गठन कर दिया है।

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ठळक मुद्देबिहार में नीतीश सरकार ने वर्षों से लंबित लगभग सभी बोर्ड-निगमों को पुनर्गठन कर दिया है नीतीश ने बोर्ड-निगमों को पुनर्गठन का फैसला सहयोगी दल राजद के साथ बातचीत के बाद कीनीतीश ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है

पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बोर्ड- निगमों का पुनर्गठन करना पड़ गया। जबकि बिहार में एनडीए के साथ सत्तासीन होने के बाद नीतीश कुमार ने कभी भी बोर्ड-निगमों में भाजपा की हिस्सेदारी पर ध्यान नही दिया था। लेकिन राजद के साथ तालमेल करने के बाद उन्होंने राज्य के सभी बोर्ड-निगमों को पुनर्गठन कर दिया है और राजद को अनुपातिक हिस्सेदारी भी देना शुरू कर दिया है।

इसी कड़ी में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी भोला यादव को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड में भोला यादव के अतिरिक्त 9 अन्य लोगों को भी बोर्ड में सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है। इसमें विनय कुमार चौधरी, ललित नारायण मंडल, प्रेम चंद्र मिश्रा, आचार्य सिया राम प्रसाद यादव, नारायण महतो, चितरंजन गगन, मदन शर्मा, रामाशीष यादव और प्रतिमा कुमारी हैं। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का पुनर्गठन तीन वर्षों के लिए किया गया है।

इसके साथ ही महिला आयोग, ओबीसी-ईबीसी आयोग, मदरसा बोर्ड, संस्कृत बोर्ड के अलावा तमाम निगम, बोर्ड, आयोग को पुनर्गठन किया गया है। इसमें मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष जदयू नेता और नीतीश के भरोसेमंद कहे जाने वाले पूर्व एमएलसी सलीम परवेज को बनाया गया है। इसके अलावा विधानसभा और विधानपरिषद के कई सदस्य को इसमें सदस्य बनाया गया है।

सलीम परवेज बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति भी रह चुके हैं। मदरसा बोर्ड में महबूब आलम, सैयद रूकनुद्दीन अहमद और खालिद अनवर को सदस्य बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार देर रात तक इसी कार्य में लगे थे। कुछ विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है, जिसके बाद शेष कर रहें हैं।

बता दें कि बिहार में बोर्ड और निगम का विघटन काफी दिन पहले हुआ था। एनडीए सरकार में भी बोर्ड और निगम का गठन नहीं हो सका। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोर्ड और निगम को काफी दिन बाद पुनर्गठन किया गया है। बिहार में महिला आयोग जैसा अति संवेदनशील आयोग कार्यकारी के सहारे चल रहा था। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बीच कई दौर की बैठक के बाद बोर्ड और निगमों के पुनर्गठन करने पर फैसला लिया गया है।

पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच बोर्ड और निगमों के पुनर्गठन को लेकर गहन चर्चा चल रही थी। विपक्षी एकता की दूसरी बैठक से पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच सब कुछ तय हुआ है। राजद और जदयू के नेताओं को सेट किया जाने लगा है। बोर्ड और निगम में वैसे नेताओं को जगह दी गई है, जिनकी जमीनी ताकत ठीक ठाक है। लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा 2025 को दिमाग में रखकर बोर्ड और निगम को पुनर्गठन किया गया है।

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