पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत की विकास योजनाओं में मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों में कटौती कर दी है। अब बिना टेंडर पंचायतों में किसी तरह के विकास कार्य नहीं किए जाएंगे। दरअसल, बिहार में पंचायत स्तर पर कराए जाने वाले विकास कार्यों को पहले मुखिया और वार्ड सदस्य अपने स्तर से काम कराते थे। विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगातार लग रहे थे। कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली में अब यह प्रावधान है जिससे मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी पर रोक लगेगी। छोटे कामों के भी ठेकेदारों का पैनल बनेगा। उसकी बिड लगेगी और बोली में ही चयनित व्यक्ति को वह काम दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अब पंचायतों में होने वाले किसी भी विकास कार्य के लिए टेंडर जरूरी कर दिया है। बिना टेंडर की प्रक्रिया पूरी किए मुखिया और वार्ड सदस्य कोई भी विकास का काम अपने स्तर से नहीं करा सकेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 27 प्रस्तावों पर मुहर लगी है।
वहीं, जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के अंतर्गत सासाराम शहर के लिए सोन नदी से जल को पेयजल के रूप में देने को लेकर 1 हजार 347 करोड रुपए की स्वीकृति दी गई है। वहीं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के तहत 301 पदों का सृजन किया गया है। जिनपर जल्द ही नियुक्ति भी की जाएगी। साथ ही नालंदा के बिहार राज्य खेल अकादमी में 81 पदों पर नियुक्ति होगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब गया और मोतिहारी के बाद अब भागलपुर के विक्रमशिला में राज्य के तीसरे केंद्रीय विश्वविद्यालय खुलने का भी रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने 205 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए 87.99करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। वहीं बिहार फ़िल्म प्रोत्साहन नीति 2024 की भी स्वीकृति मंत्रीमंडल ने दे दी है।
शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए नीतीश सरकार ने एक नई योजना मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना को भी कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। इस बैठक में कैबिनेट में लिए गए फैसले 75 करोड़ 86 लाख की लागत से गर्दनीबाग पटना में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए कुल 20 आवासों का जजेस एनक्लेव के निर्माण हेतु स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कार्यालय हेतु आवंटित आवासीय भवन के नवीकरण की बाध्यता समाप्त करने हेतु संशोधित नीति की स्वीकृति दी गई है।