बिहार में फिर चरमराया एनडीए: 2019 में BJP को 8 सीटों पर समेटना चाहती हैं JDU-LJP, बैठक आज
By भाषा | Published: June 7, 2018 09:44 AM2018-06-07T09:44:13+5:302018-06-07T12:54:03+5:30
ऐसे मौके रहे हैं जब बिहार में जदयू ने 40 में 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और भाजपा 15 सीटों पर लड़ी। जबकि एलजेपी भी 7 का दावा ठोंक रही है।
पटना/ नई दिल्ली, 7 जून: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर बिहार में राजग के घटक दलों के बीच खींचतान शुरू हो गई है। राज्य की 40 लोकसभा सीटों में एक बड़े हिस्से पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (एजेपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी-अपनी ठोंक रहे हैं। पूरे मसले को सुझालने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की आज एक बैठक होने का कार्यक्रम है।
जदयू इस बात पर जोर दे रहा है कि बिहार में गठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं और यह राज्य में बड़ा साझेदार है। इसके जरिए वह संकेत दे रहा है कि उसे सीटों का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। वहीं , इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा ने आज कहा कि वह इस बात से सहमत है कि राज्य में राजग का चेहरा नीतीश ही हैं लेकिन लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा , इसलिए भगवा पार्टी सीटों का बड़ा हिस्सा मांग रही है।
इस पूरी बहस का मुख्य विषय यह है कि क्या 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन को देखा जाए , जब वह राजग से बाहर था। या फिर 2015 के विधानसभा चुनावों में उसके प्रभावी प्रदर्शन पर गौर किया जाए। हालांकि , विधानसभा चुनाव उसने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन कर लड़ा था।
दोनों पार्टियों (जदयू और भाजपा) ने जब साल 2009 का लोकसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ा था तब जदयू ने 22 और भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जदयू ने 25 सीटों और भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
अरुण जेटली ने राहुल गांधी को बताया 'अल्पज्ञानी', बोलें- कांग्रेस अध्यक्ष कितना जानते हैं?
जदूय प्रवक्ता अजय आलोक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नीतीश बिहार में हमेशा ही राजग के नेता रहे हैं। जदयू हमेशा ही बड़ा साझेदार दल और प्रदेश में बड़ा भाई रहा है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद पार्टी के नेता केसी त्यागी और पवन वर्मा के रूख के अनुरूप यह बात कही।
दरअसल , मीडिया के एक धड़े में यह खबर आई थी कि पार्टी की कोर कमेटी की एक बैठक में यह कहा गया कि जदयू बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभाएगा , जैसा कि भाजपा दिल्ली में निभाती है। यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू अधिक संख्या में सीटों के लिए दबाव बनाएगा , आलोक ने कहा , ‘‘अतीत में , ऐसे मौके रहे हैं जब बिहार में जदयू ने 40 में 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और भाजपा 15 सीटों पर लड़ी। ’’
एनडीए के सहयोगी दल ने कहा- सीटों के बंटवारे पर यथाशीध्र फैसला किया जाए
इस बीच , राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मांग की है कि सीटों के बंटवारे पर यथाशीध्र फैसला किया जाए। समझा जाता है कि लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के समक्ष यह मुद्दा उठाया , जब उन्होंने पिछले हफ्ते दिल्ली में उनसे मुलाकात की।
नीतीश के 2013 में राजग से अलग होने के बाद लोजपा और रालोसपा जैसी छोटी पार्टियां राजग में शामिल हुई थी तथा राजग ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 31 सीटें जीती थी। इसमें भाजपा ने 22 सीटें जीती थी। उधर , भाजपा नेताओं ने जदयू के रूख को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की।
इस दिग्गज BJP नेता की हालत देख रो पड़ते हैं आडवाणी! बेटे ने चिट्ठी में लिखा दर्द
बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने दिल्ली में संवाददातओं से कहा , ‘‘ देश में नरेंद्र मोदी राजग का चेहरा हैं जबकि नीतीश कुमार बिहार में इसके नेता हैं। सीटों का बंटवारा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है , जब हमारे दिल मिल गए, समय आएगा तो हम साथ बैठ कर फैसला कर लेंगे। ’’
वहीं , नीतीश के कटु आलोचक माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि वह (नीतीश) राज्य के मुख्यमंत्री हैं और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। कुछ लोग इसमें विवाद करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। राजद से नाता तोड़ कर भाजपा में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा , ‘‘ मैं सीट बंटवारे पर टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। ’’
बिहार में अटूट है राजग गठबंधन: पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख राम विलास पासवान ने आज अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनावों में सीटों की साझेदारी के मुद्दे पर बिहार में राजग के भीतर दरार की अटकलों को खारिज किया और कहा कि प्रदेश में भाजपा नीत गठबंधन ‘‘ अटूट ’’ है।
प्रदेश लोजपा मुख्यालय पर यहां आयोजित इफ्तार पार्टी से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने अल्पसंख्यकों से अनुरोध किया कि वे भाजपा को ज्यादा असरदार चुनौती दे सकने के आधार पर अपने मतों का फैसला नहीं करें और ‘‘ आपको शांति एवं समृद्धता देने वाली सरकार को समर्थन दें। ’’
मायावती का महादांवः कर्नाटक में 1 सीट पर BSP ने लिया मंत्री पद, 6 साल बाद सत्ता में वापसी
पासवान ने कहा , ‘‘ राजग में कोई दरार नहीं है , कृपया यह अपने दिमाग में रखिए। गठबंधन अटूट है। सभी अटकलें मीडिया ने पैदा की हैं और आपको (इस संबंध में) अंत में निराशा ही मिलेगी। ’’ हालांकि एलजेपी के ही दूसरे नेता व खुद राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान 7 सीटों तक दावेदारी ठोंकने की बात कर चुके हैं। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे।