बिहार: नक्सल प्रभावित इलाकों में भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद, मचाई जा सकती थी भारी तबाही
By एस पी सिन्हा | Published: July 8, 2019 05:36 PM2019-07-08T17:36:49+5:302019-07-08T17:36:49+5:30
नवादा जिला: घटना आज (8 जुलाई) सुबह करीब पांच बजे की बताई जाती है. यह इलाका झारखंड के नक्सल प्रभावित कोडरमा जिले की सतगावां थाने की सीमा से जुड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि आज तड़के सुबह एसएसबी एवं स्थानीय पुलिस गोविंदपुर द्वारा कोल महादेव जंगल मे सर्च अभियान चलाया जा रहा था. इ
बिहार के नवादा जिले के नक्सल प्रभावित गोवन्दिपुर थाने के कोल महादेव डैम स्थित जंगलों से केन्द्रीय सुरक्षाबलों एवं पुलिस द्वारा सर्च अभियान के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक एवं हथियार जब्त किया गया है. यहां झाडियों से एक देसी राइफल, 36 डेटोनेटर और 41 पावर जेल बरामद किया गया.
घटना आज (8 जुलाई) सुबह करीब पांच बजे की बताई जाती है. यह इलाका झारखंड के नक्सल प्रभावित कोडरमा जिले की सतगावां थाने की सीमा से जुड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि आज तड़के सुबह एसएसबी एवं स्थानीय पुलिस गोविंदपुर द्वारा कोल महादेव जंगल मे सर्च अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान जंगल में विस्फोटक का जखीरा बरामद किया गया. जिले के एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में एसएसबी व एसटीएफ की चीता बटालियन के जवान उस इलाके में रविवार की देर रात से जंगलों में सर्च अभियान चला रहे थे.
इस दौरान गोविंदपुर एवं ककोलत के आसपास के इलाकों में नक्सलियों के चहलकदमी की सूचना लगातार प्राप्त हो रही थी. उसी सूचना के आलोक में जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया जहां आज सुबह डैम से कुछ दूरी पर स्थित जंगल की झाड़ियों में छुपाकर रखे गये हथियार व एक्सप्लोसिव बरामद किये गये. बरामद किये गये सामानों में एक कन्ट्री मेड रायफल, 36 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर व 41 जिलेटिन के रॉड शामिल हैं. इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. पुलिस के मुताबिक इसके पीछे नक्सलियों का हाथ है. नक्सली इस प्रकार के एक्सप्लोसिव का उपयोग अक्सर पैदल गश्त लगा रहे जवानों पर ब्लास्ट करने में करते हैं. फिलहाल पूरे इलाके में ऑपरेशन जारी है.
पुलिस ने इन एक्सप्लोसिव से जिले में किसी बड़ी तबाही के फैलाने की आशंका जताई है. पुलिस के मुताबिक बरामद किये गये एक्सप्लोसिव से भारी तबाही मचायी जा सकती थी. इस मामले में नक्सलियों के विरुद्ध गोवन्दिपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. बताया जाता है कि ये एक्सप्लोसिव राजस्थान से लाये जाते हैं. एक्सप्लोसिव की फैक्ट्री भरतपुर के समीप है. हालांकि एक्सप्लोसिव सर्फि लाइसेंसधारकों को ही दिये जाते हैं. वे इसे पत्थर तोड़ने में ब्लास्ट करने के लिए इसका उपयोग करते हैं. ऐसे में आशंका है कि उन्हीं लाइसेंसधारकों में से कुछ लोग इसे नक्सलियों को बेच देते हैं.
इलेक्ट्रिक डेटोनेटर से पावर सप्लाई कर जिलेटिन रॉड को ब्लास्ट किया जाता है. डेटोनेटर का तार सर्फि बाहर दिखाई देता है. बाकी जमीन के भीतर छुपाकर रखा जाता है. अपराधी इसे माइका अवैध खनन में ब्लास्ट के लिए भी उपयोग में लाया जाता है. जानकारों की अगर मानें तो एक्सप्लोसिव की आपूर्ति नक्सलियों को कुरियर के माध्यम से की जाती है. एक कुरियर संबंधित जगह पर डिलीवरी देता है व दूसरा उसे वहां से उठाकर गंतव्य स्थान पर पहुंचा देता है. इसमें दोनों कुरियरों की आपस में मुलाकात नहीं होती. लिहाजा, दोनों की पहचान गुप्त बनी रहती है. इसे कोडरमा के रास्ते नवादा की सीमा में लाया जाता है.