बिहार नगर निकाय चुनाव स्थगित, पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी बिहार सरकार

By एस पी सिन्हा | Published: October 5, 2022 02:26 PM2022-10-05T14:26:51+5:302022-10-05T14:36:24+5:30

पटना हाई कोर्ट के आरक्षण और निकाय चुनाव को लेकर दिए गए फैसले के बाद राज्य में इसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। साथ ही बिहार सरकार ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

Bihar municipal elections postponed, state govt will go to Supreme Court against decision of Patna High Court | बिहार नगर निकाय चुनाव स्थगित, पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी बिहार सरकार

बिहार नगर निकाय चुनाव स्थगित (फाइल फोटो)

Highlightsपटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को स्थगित किया।दूसरी ओर बिहार सरकार ने कहा है कि वह पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

पटना: पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को तत्काल स्थगित कर दिया है। इस बीच पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए बिहार सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हाईकोर्ट ने बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर मंगलवार को निर्णय सुनाया था। 

दरअसल, हाईकोर्ट ने फिर से अधिसूचना के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद 10 और 20 अक्टूबर का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। कोर्ट ने आरक्षण व्यवस्था पर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ईबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती। 

हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के ट्वीटर हैंडल से दी गई है। बिहार सरकार के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय का मतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में यह चुनाव अभी नहीं हो पाएगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार इस पर आगे का निर्णय लेगी यानी निकाय का चुनाव लंबे समय के लिए टल गया है। 

हाई कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और जदयू में वार-पलटवार

वहीं, दूसरी ओर हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और जदयू के तरफ से लगातार बयानबाजी भी हो रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी ठहराया है। सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तैयारी करने के बजाय नीतीश कुमार ने जबर्दस्ती चुनाव करवाने की कोशिश की, जिसकी वजह से राज्य के लोंगो को परेशानी हुई है। 

वहीं जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने इसके लिए भाजपा और केन्द्र सरकार की नीति को जिम्मेवार ठहराया है। महागठबंधन सरकार में नगर विकास विभाग संभाल रहे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस ममले पर भाजपा पर निशाना साधा है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के एनडीए सरकार में भाजपा के पास ये विभाग रहा है और शुरू से ही भाजपा आरक्षण विरोधी रहे हैं। उनका विचार है कि बिना आरक्षण के चुनाव न कराये जाएं। पिछड़ा समाज के आरक्षण के साथ ही चुनाव होना चाहिए।

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