दरभंगा ,28 मई: सांप्रदायिका की एक नई मिसाल एक बिहार से सख्श ने पेश की है। बिहार के दरभंगा में एक मुस्लिम युवक ने एक मासूम की जान बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया है। रक्तदान देकर एक हिंदू बच्ची को एक मुस्लिम सख्श ने बचाया है।
दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन का उद्घाटन आज, राजीव चौक पर भीड़ होगी कम, ये भी होंगे 6 फायदे
खबर के मुताबिक एसएसबी जवान रमेश सिंह को दो दिन पहले बेटी हुई थी, जिसकी स्थिति बेहद खराब थी और उसको अस्पतला में भर्ती करवाया गया था। ऐसे में बच्ची को खून की जरुर पड़ी। इस पर मोहम्मद अशफाक रक्तदान के लिए तैयार हो गया। बिना कुछ खाए रक्तदान नहीं किया जा सकता। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने खून देने से पहले अशफाक को कुछ खाने को कहा।
वहीं, मुस्लिम होने के कारण अशफाक के रोजा चल रहे थे लेकिन दो दिन की बच्ची की सांसों का खातिर उन्होंने अपना रोजा तोड़कर रक्तदान किया। इतना ही नहीं अशफाक का कहना है कि मेरी समझ में किसी की जान बचाना ज्यादा कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।
दिल्ली मेट्रोः मैजेंटा लाइन का उद्घाटन आज, नोएडा और गुरुग्राम के बीच यात्रा में 30 मिनट की कमी
सुरक्षाबल की बेटी होने की बात ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया। इसके बाद से अशफाक सोशल मीडिया पर भी छा गए हैं। लोग तरह की प्रतिक्रियां दे रहे हैं। इसके साथ की सांप्रदायिक दूरियां पैदा करने वालों के लिए ये एक सीख कही जा सकती है।