पटनाः बिहार विधान परिषद चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर एनडीए के अंदर शुरू हुआ विवाद अब कलह की ओर बढ़ गया है. गठबंधन में दरार की आशंका फिर से सामने आने लगी है. एनडीए में मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी और जीतन राम मांझी की हम पार्टी को सीट नहीं मिला है.
इसके बाद सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज होने के साथ हम प्रमुख जीतन राम मांझी आगे क्या कदम उठाएंगे इसे लेकर भी चर्चांए होने लगी है? जबकि वीआईपी अध्यक्ष और मंत्री मुकेश सहनी ने भी 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है. उधर, हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है.
उन्होंने बताया कि सीटों के तालमेल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए जीतन राम मांझी को जदयू नेता विजय चौधरी का फोन आया था. लेकिन उस समय जीतन राम मांझी और उनके पुत्र सह बिहार सरकार के मंत्री दोनों व्यस्त थे, इसलिए शामिल नहीं हो सके. उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर दो सीटों की मांग हम पार्टी ने की थी.
लेकिन बताया गया कि 6 माह पहले ही उम्मीदवारों ने तैयारी कर ली है, इसलिए ये संभव नहीं हो पाया. रिजवान ने बताया कि दो सीटों को लेकर हम बिहार का सर्वनाश नहीं कर सकते. उन्होंने इस बात की नाराजगी भी जताई की सीटों की घोषणा से पहले सभी दलों की बैठक होनी चाहिए थी.
दानिश रिजवान से साफ शब्दों में कहा कि ये गलतफहमी या सपना किसी को नहीं देखना चाहिए कि सीटों के चक्कर में एनडीए में टूट होगी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है और एनडीए एकजुट रहेगा. उन्होंने कहा कि विधान परिषद चुनाव में हम पार्टी की क्या भूमिका रहेगी. इसपर फैसला बांकी है. हम प्रमुख जीतन राम मांझी के पटना लौटने पर इसपर चर्चा होगी.
इसबीच अब मुकेश सहनी ने कहा है कि बिहार में एनडीए खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि मैं गठबंधन छोडकर नहीं जा रहा बल्कि मुझे एनडीए गठबंधन से भगाया जा रहा है. बिहार में एनडीए केवल दो पार्टियों तक ही सीमित रह गया है. सहनी ने कहा कि मेरे और जीतन राम मांझी के बूते पर सरकार टिकी हुई है.
मुझे किसी अंजाम की परवाह नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर एनडीए है तो सीट एनडीए के अनुसार ही बंटना चाहिए था. लेकिन वीआईपी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. अब हम अपने दम पर 24 सीटों पर लड़ाई लड़ेंगे. जिस तरह से पहले एनडीए था अब वैसा एनडीए नहीं रहा. हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी.
यहां, उल्लेखनीय है कि बिहार विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू में सीटों का बंटवारा हो गया है. जिसमें भाजपा के पास 13 सीटें गई हैं, जिसमें एक सीट पशुपति पारस के लोजपा को दिया गया. जबकि जदयू 12 सीटों पर उम्मीदवार देगी.