पटनाः कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की मतदाता अधिकार यात्रा से पहले महागठबंधन के भीतर विवाद गहरा गया है। इसी कड़ी में बिहार के मोतिहारी में इसके दो प्रमुख घटक दलों-कांग्रेस और राजद के बीच की आपसी कलह खुलकर सामने आ गई है। यह विवाद अब इतना बढ़ गया है कि कांग्रेस के एक नेता ने मोतिहारी की मेयर और राजद नेता उनके पति समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी है। यह पूरा विवाद ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस जिलाध्यक्ष के सहायक ने राहुल गांधी के बैनर लगाने के लिए नगर निगम से अनुमति ली थी।
उन्होंने प्रकाश आउटडोर मीडिया के नाम से कुल 16 बैनर लगाने की अनुमति हासिल की थी। इसके बाद राहुल गांधी के कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार शुरू किया गया। लेकिन इसी बीच राजद के नेता देवा गुप्ता और मोतिहारी की मेयर प्रीति गुप्ता के समर्थकों ने अचानक शहर भर में अपने बैनर और पोस्टर लगाने शुरू कर दिए।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि राजद कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के बैनर हटवाए और जबरन अपने पोस्टर लगा दिए। विवाद यहीं नहीं रुका। कांग्रेस जिलाध्यक्ष के सहायक ने आरोप लगाया कि मेयर प्रीति गुप्ता के समर्थकों ने उन्हें धमकी भी दी। आरोप है कि उन्हें गोली मारने तक की धमकी दी गई।
इस मामले में पुलिस ने मेयर प्रीति गुप्ता, देवा गुप्ता और सुगंधा गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब राहुल गांधी के बैनर लगाने के लिए अनुमति ली गई थी, तो किसी अन्य दल को उसमें दखल नहीं देना चाहिए था। वहीं राजद नेताओं का कहना है कि यह उनकी पार्टी के प्रचार का हिस्सा है और वे भी अपने नेताओं के पोस्टर लगाने का अधिकार रखते हैं।
पोस्टर-बैनर का यह विवाद महागठबंधन के भीतर की खींचतान को साफ दिखाता है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की संयुक्त यात्रा से पहले ही कांग्रेस और राजद आमने-सामने खड़े हैं। इससे यह सवाल उठ रहा है कि जब प्रचार की शुरुआत ही ऐसे विवादों से हो रही है, तो आगे महागठबंधन की एकजुटता कितनी मजबूत रह पाएगी?
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। कांग्रेस और राजद दोनों के कार्यकर्ता अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष शशिभूषण राय के मीडिया प्रभारी अनुराग तिवारी ने मोतिहारी की मेयर प्रीति गुप्ता, उनके पति और राजद नेता देवा गुप्ता, उनके सहयोगी सुगंध गुप्ता और चिंटू यादव के साथ-साथ 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि जब कांग्रेस नेताओं ने पोस्टर हटाने का विरोध किया, तो उन्हें मारपीट की धमकी दी गई। इस विवाद की जड़ें दोनों परिवारों की लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में छिपी हैं।