Bihar LS polls 2024: गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा से बसपा ने उतारे उम्मीदवार, मायावती ने कहा- किसी से गठबंधन नहीं, एनडीए और महागठबंधन को हराएंगे
By एस पी सिन्हा | Published: March 28, 2024 03:44 PM2024-03-28T15:44:51+5:302024-03-28T15:46:25+5:30
Bihar LS polls 2024: गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा सीट से बसपा उम्मीदवारों ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
Bihar LS polls 2024: बिहार के चुनावी अखाड़े में अब बहन मायावती की पार्टी बसपा की एंट्री हो गई है। बसपा ने पहले चरण के चारों लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। बिहार के सियासी मैदान में मायावती की पार्टी बसपा के उतर जाने से मुकाबला रोचक हो गया है। यूपी सीमा से लगी सीटों पर बसपा का कुछ प्रभाव रहा है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बसपा ने बिना किसी गठबंधन के चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया था। पहले चरण में होने वाले चुनाव में गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा सीट से बसपा उम्मीदवारों ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। अब तक इन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच ही मुख्य मुकाबला था, लेकिन बसपा के उतर जाने से कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार पैदा हो गये हैं।
बसपा ने बसपा ने औरंगाबाद से सुरेश कुमार, गया से सुषमा कुमारी, नवादा से रंजीत कुमार और जमुई से सकलदेव दास को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो ने दावा किया कि बिहार के सभी 40 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। पिछले चुनाव में भी बसपा ने बिहार की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि किसी को सफलता नहीं मिली थी।
उल्लेखनीय है कि पहले चरण में कई दिग्गजों के चुनावी मैदान में उतरने से ये चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। गया लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं, जबकि उनके खिलाफ महागठबंधन से राजद के कुमार सर्वजीत चुनावी मैदान में हैं। वहीं, नवादा लोकसभा सीट से भाजपा के विवेक ठाकुर ताल ठोक रहे हैं। राजद से श्रवण कुशवाहा को टिकट मिला है।
औरंगाबाद से भाजपा ने सुशील कुमार सिंह पर भरोसा जताया है, उनके खिलाफ राजद से अभय कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं। जमुई से चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती लड़ रहे हैं तो उनके खिलाफ राजद से अर्चना दास ने पर्चा भरा है। इसतरह बसपा के प्रत्याशी चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय करने का प्रयास करेंगे, हालांकि इन इलाकों में बसपा का कोई खास प्रभाव नहीं दिखता है।