बिहार विधानसभा में शराबबंदी संशोधन बिल पास, पहली बार पकड़े जाने पर नहीं होगी जेल, जानें नए प्रावधान

By एस पी सिन्हा | Published: July 23, 2018 06:46 PM2018-07-23T18:46:46+5:302018-07-23T18:46:46+5:30

पहली बार शराब पीने पर जहां पहले गिरफ्तार कर लिया जाता था, अब इसमें संशोधन कर जमानती कर दिया गया है। साथ ही सार्वजनिक जुर्माने के वर्तमान प्रावधान को खत्म किया गया है।

Bihar liquor ban: Nitish Kumar govt amends Prohibition Bill top things to know | बिहार विधानसभा में शराबबंदी संशोधन बिल पास, पहली बार पकड़े जाने पर नहीं होगी जेल, जानें नए प्रावधान

बिहार विधानसभा में शराबबंदी संशोधन बिल पास, पहली बार पकड़े जाने पर नहीं होगी जेल, जानें नए प्रावधान

पटना, 23 जुलाईः बिहार विधानसभा में पेश शराबबंदी संशोधन बिल आज पास हो गया। सरकार ने इस बिल में जो भी बदलाव किए हैं, उसने अब कानून का शक्ल ले लिया है। आज सदन में नया शराबबंदी कानून पेश कर दिया गया इसमें पुराने कई कड़े प्रावधानों को हटा दिया गया है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि गरीबों के लिए यह कानून लाया गया था ताकि उनकी गाढ़ी कमाई नशे पर खर्च नहीं हो। वहीं, विपक्ष ने वॉक आउट किया। 

मुख्यमंत्री ने सदन में बोलते हुए कहा कि इस दौरान कुछ कड़े कानूनी प्रावधान की वजह से कुछ दिक्कतें आ रही थी जिसे खत्म करने के लिए इसमें संशोधन किया गया है। कानून में संशोधन के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्दोषों को बचाने के उद्देश्य से संशोधन विधेयक लाया गया है। साथ उन्होंने शराबबंदी के फायदे, समाज में आये बदलाव और संशोधन की जरूरत के बारे में विस्तार से सरकार का पक्ष सदन में रखा। उन्होंने कहा कि कानून को तार्किक तरीके से और धारदार बनाने के उद्देश्य से जरूरत को देखते हुए संशोधन किये जाने की आवश्यकता है।

संशोधन के लिए लोक संवाद में भी जनता की बात सुनते हुए चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा सूबे के दलित, गरीब-गुरबा, अनुसूचित जाति-जनजाति और हाशिये पर चले गये लोगों को हुआ। जो लोग शराब पीने का पैसा नहीं रहने पर घर के सामान भी बेच देते थे। शराबबंदी लागू होने से उनके बच्चे अच्छे कपड़े पहनने लगे हैं। आज उनके बच्चे स्कूल जा रहे हैं। उन्हें अच्छा खाना मिल रहा है। समाज के बड़े वर्ग को इसका फायदा हुआ है। गिने-चुने कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। ये कुछ लोग दलितों को आगे बढते देखना नहीं चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के पक्ष में सूबे में बनी मानव शृंखला ने रिकॉर्ड स्थापित किया। कुछ लोगों का काम मजाक उड़ा कर शराबबंदी की मूल भावना को ठेस पहुंचाना रह गया है। शराबबंदी की मांग स्वयंसहायता समूह ने की थी। इसमें दलित, आदिवासी पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग की महिलाएं ही शामिल थीं। शराबबंदी लागू होने से सड़क हादसों में भी कमी आई है। शराबबंदी लागू किये जाने के बाद सर्वेक्षण भी कराया गया। 

सर्वेक्षण से पता चला कि इन लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ रहा है। शराब में खर्च होनेवाली उनकी कमाई अब घर में खर्च होने लगी। इसका असर उनके जीवन स्तर पर पड़ा। निश्चय यात्रा और शराबबंदी कानून से उपजी समस्याओं के सामने आने पर संशोधन विधेयक लाया गया है। शराबबंदी के खिलाफ भ्रामक प्रचार किया गया। मुख्यमंत्री ने सदन कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन के जरिये नियमों में ढ़ील दी गई है।

पहली बार शराब पीने पर जहां पहले गिरफ्तार कर लिया जाता था, अब इसमें संशोधन कर जमानती कर दिया गया है। साथ ही सार्वजनिक जुर्माने के वर्तमान प्रावधान को खत्म किया गया है। शराबबंदी का उल्लंघन करनेवाले लोगों को तड़ीपार करने की वर्तमान व्यवस्था को भी खत्म किये जाने का प्रावधान किया गया है। वहीं, शराब पाये जाने पर अब किसी भवन या खेत को जब्त नहीं किया जायेगा। अब इस कानून में संशोधन किये जाने से अब भवन या खेत जब्त होने के स्थान न पर अब दो वर्षों के कारावास की सजा प्रावधान किया गया है। हालांकि, जिस वाहन में शराब जब्त होगी उस वाहन को जब्त करने के प्रावधान को बरकरार रखा गया है।

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Web Title: Bihar liquor ban: Nitish Kumar govt amends Prohibition Bill top things to know

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