बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र: बाढ़ पर विपक्षी दलों का हंगामा, RJD विधायकों ने लगाया नीतीश सरकार पर ये आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: July 15, 2019 03:42 PM2019-07-15T15:42:06+5:302019-07-15T15:42:06+5:30
सदन के बाहर राजद विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार अब राहत के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है. बाढ़ को लेकर राजद ने सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की भी बात कही.
बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज फिर सदन के बाहर और भीतर जमकर हंगामा किया. जिसके चलते सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. राजद और भाकपा-माले के सदस्य सदन शुरू होने के पहले बैनर-पोस्टर लेकर नारेबाजी की.
राजद विधायकों ने राज्य सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाया. इस विरोध प्रदर्शन में शामिल राजद विधायकों ने यह भी कहा कि सरकार ने बाढ़ को लेकर पूर्व में तैयारी नहीं कर रखी थी, जिसके कारण जानता बाढ़ की त्रासदी झलने को मजबूर है.
सदन के बाहर राजद विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार अब राहत के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है. बाढ़ को लेकर राजद ने सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की भी बात कही. राजद विधायक भाई वीरेंद्र का ने कहा कि सत्ता पक्ष को भी कार्यस्थगन प्रस्ताव का सहयोग कर इस ज्वलंत मुद्दें पर सदन में चर्चा करनी चाहिए.
भाई वीरेंद्र ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बाढ़ राहत के नाम पर सरकार फिर लूट की तैयारी कर रही है. बिहार में हर साल बांध बनते हैं और टूट जाते हैं और इसी के नाम पर बडा घोटाला होता है. हालात ऐसे हैं कि अभी जमीन पर कोई राहत कार्य नहीं हो रहा है.
दूसरी, ओर बिहार में आई बाढ़ के प्रकोप को लेकर भाकपा-माले के विधायकों ने भी विधानसभा के बाहर जोरदार हंगामा किया. सरकार के विरोध में आवाज बुलंद करते हुए माले विधायकों ने बाढ़ पीडितों को युद्ध स्तर पर राहत देने की मांग की है साथ ही साथ इस दौरान इन विधायकों ने गया में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत पर भी सरकार को घेरा. भाकपा-माले के विधायकों ने एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम और बाढ़ से उपजे हालात को लेकर प्रदर्शन किया.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन के अंदर भी विपक्षी सदस्यों ने बाढ़ को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. राजद के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बाढ़ को मुद्दे बनाते हुए नारेबाजी करने लगे. राजद विधायक भोला यादव ने कहा है कि दरभंगा समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है. बाढ़ के पानी में कई लोग बह चुके हैं. सरकार का कोई रेस्क्यू ऑपरेशन जमीन पर नहीं दिख रहा है. केवल बयानबाजी और हवाई सर्वे किया जा रहा है.
वहीं, विधान परिषद के बाहर कांग्रेस सदस्यों ने बाढ़ की समस्या को लेकर जमकर नारेबाजी की. कांग्रेसी सदस्यों ने सूबे में टूटते तटबंधों की जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं, सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंची राजद नेता व पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के नेतृत्व में पार्टी ने बाढ़ की समस्या को लेकर सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. राजद सदस्यो ने बाढ़ में करोडों रुपये बर्बाद करने का आरोप लगाया. हालांकि सभापति ने इसे नियमानुकुल नही मानते हुए अस्वीकार कर दिया.
वहीं, विधान परिषद में विरोध के दौरान राबडी देवी ने सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि बिहार में तटबंध टूटने से कई लोग बह गए हैं, लेकिन नीतीश कुमार केवल हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि उनको बाढ़ की स्थिति सडक मार्ग से जाकर देखना चाहिए. वो सड़क से इलाकों में जाएंगे तभी तो हकीकत पता चलेगा न. बिहार में तटबंधों के नाम पर पैसों की लूट हुई है.
तटबंध सिर्फ मिट्टी और बालू से बनाये गए हैं, जबकि हमारे समय मे पिच से तटबंध बनता था. राबडी देवी ने पिछली साल हुई घटना पर चुटकी लेते हुए कहा कि बिहार में कभी चूहा तटबंध तोड देता है तो कभी चूहा शराब भी पी जाता है. इससे पहले सदन में राजद के सदस्यों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
राजद ने विधान परिषद के पोर्टिको में हंगामा किया. इस दौरान राजद नेताओं ने बाढ़ के नाम पर लूट बंद करो के नारे लगाए साथ ही जल संसाधन मंत्री पर विफलता का आरोप लगाया. राजद के इस विरोध में कांग्रेस भी साथ दिखी एकसाथ दिखी. विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद नेताओ ने परिषद के बाहर जमकर नारेबाजी की. परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी की अगुवाई हो रहे हंगामे में कांग्रेस नेता मदन मोहन झा और प्रेमचंद्र मिश्रा भी शामिल हुए.