बिहार विधान परिषद पर भी भारी कोरोना की मार, चुनाव नहीं होने से 24 सीटें हो गईं रिक्त, आज समाप्त हुआ 19 विधान पार्षदों का कार्यकाल
By एस पी सिन्हा | Updated: July 16, 2021 18:26 IST2021-07-16T18:20:28+5:302021-07-16T18:26:35+5:30
पटनाः बिहार में कोरोना महामारी के कारण समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण विधान परिषद की 19 सीटें कल यानी कि 17 जुलाई से खाली हो जाएंगी। ऐसे में 19 विधान पार्षदों का कार्यकाल आज खत्म हो गया।

फाइल फोटो
पटनाःबिहार में कोरोना महामारी के कारण समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण विधान परिषद की 19 सीटें कल यानी कि 17 जुलाई से खाली हो जाएंगी। ऐसे में 19 विधान पार्षदों का कार्यकाल आज खत्म हो गया। जिन विधान पार्षदों की सीट खाली हुई है, उनमें सबसे ज्यादा एनडीए के नेता शामिल हैं। सबसे ज्यादा भाजपा और जदयू के विधान पार्षदों का कार्यकाल खत्म हुआ है।
उल्लेखनीय है कि आज के बाद विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 से घटकर 51 रह जाएगी। जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ है वे स्थानीय निकाय से निर्वाचित होकर विधान परिषद पहुंचे थे। अब ये पद तब तक खाली रहेंगे, जब तक बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं हो जाता।
स्थानीय निकाय से भाजपा के 12 प्रतिनिधि थे। विधान परिषद में भाजपा के कुल 26 विधान पार्षद हैं, जो घटकर अब 14 रह जाएंगे। वहीं जदयू के 29 विधान पार्षद हैं, उनमें से छह घटकर 23 रह जाएंगे। कांग्रेस के एक और राजद के भी एक विधान पार्षद की संख्या कम हो गई है।
बिहार विधानपरिषद में पहले से ही 6 सीटें खाली हैं। लिहाजा सदन में कुल खाली सीटों की संख्या बढकर 25 हो जाएगी। जिन विधान पार्षदों का कार्यकाल आज खत्म हुआ है, उनमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्ना जी पांडेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरिनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद शामिल हैं। इनके अलावा नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडेय एवं राजेश राम का कार्यकाल भी आज ही समाप्त हो गया है।
यहां बता दें कि विधान पार्षद रहे मनोज यादव, दिलीप राय और रीतलाल पिछले साल विधायक बन गए हैं। अब वे निचले सदन के सदस्य हैं। जबकि हरिनारायण चौधरी और सुनिल कुमार का निधन हो गया है। साथ ही विधानसभा कोटे से निर्वाचित तनवीर अख्तर भी अब इस दुनिया में नहीं रहे। जिसके कारण फिलहाल बिहार विधान परिषद् में 6 सीटें खाली है।