Bihar Legislative Council: देवेश चन्द्र ठाकुर सभापति निर्वाचित, जानिए इनके बारे में...
By एस पी सिन्हा | Published: August 24, 2022 03:01 PM2022-08-24T15:01:35+5:302022-08-24T16:40:54+5:30
Bihar Legislative Council: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह के विधान परिषद के सभापति के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद से यह पद मई, 2017 से खाली पड़ा था।
पटनाः बिहार विधान परिषद के सभापति के लिए जदयू विधान पार्षद देवेश चन्द्र ठाकुर ने आज नामांकन दाखिल किया। विधान परिषद के सभापति के चुनाव को लेकर 25 अगस्त को विशेष बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन विपक्ष की तरफ से किसी उम्मीदवार के नामांकन दाखिल नहीं करने के कारण महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी समेत महागठबंधन के कई नेता मौजूद रहे। देवेश चन्द्र ठाकुर तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2002 से चुनाव जीतते रहे हैं। संख्या बल के हिसाब से सदन में जदयू सबसे बड़ा दल है।
सीतामढ़ी के रहने वाले देवेश चंद्र ठाकुर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी नजदीकी माने जाते हैं। देवेश चंद्र ठाकुर वर्ष 2002 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते थे। वर्ष 2004 में वे जदयू में सम्मिलित हो गए। बाद में वे 2008, 2014 और 2020 के विधान परिषद चुनाव में लगातार चार बार निर्वाचित हुए।
Patna | JD(U) MLC Devesh Chandra Thakur files nomination for the Chairmanship of Bihar Legislative Council.
— ANI (@ANI) August 24, 2022
CM Nitish Kumar, RJD leader Rabri Devi and others present. pic.twitter.com/XOqeozXORO
अब राज्य में बदले राजनीतिक समीकरण और सत्ता परिवर्तन के बाद विधान परिषद के सबसे अहम पद यानी सदन को चलाने का जिम्मा उन्हें मिल गया है। देवेश चंद्र ठाकुर ने बीए ऑनर्स की पढ़ाई फार्गुसन कॉलेज, पुणे से की। इसके बाद एलएलबी की पढा़ई आईएलएस, पुणे से। वहां ये फर्स्ट डिविजनर रहे।
देवेश, हिंदी और अंग्रेजी पर समान अधिकार रखते हैं। इसके अलावा मराठी, बंगाली, मैथिली भी आराम से बोलते हैं। जब ये पुणे में पढ़ रहे थे तभी छात्र यूनियन का चुनाव लड़ने लगे। महाराष्ट्र प्रदेश यूथ कांग्रेस के वाइस प्रेसीडेंट चुने गए। वहां विलासराव देशमुख, सुशील कुमार सिंदे से काफी निकट रहे।
अभी मुंबई में इनकी कंस्ट्रक्शन कंपनी है। इस सिलसिले में अक्सर मुंबई आना-जाना करते हैं। बता दें कि अभी भाजपा के अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हैं। एनडीए सरकार में अवधेश नारायण सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। राज्य में इसी महीने सरकार बदल गई।
नीतीश कुमार के जदयू ने लालू प्रसाद यादव के राजद से हाथ मिला लिया। राज्य में महागठबंधन की नई सरकार बन गई। राज्य में महागठबंध की सरकार बन जाने के बाद अवधेश नारायण सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद छोड़ने के लिए कहा था।