नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला: पूर्व सीएम राबड़ी देवी से पूछताछ, बेचैन दिखे मुख्यमंत्री नीतीश, दूसरे दरवाजे से निकले
By एस पी सिन्हा | Updated: March 6, 2023 17:39 IST2023-03-06T17:36:04+5:302023-03-06T17:39:04+5:30
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक दल ने नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाला मामले की जांच के सिलसिले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके आवास पर सोमवार को पूछताछ की।

मीडियाकर्मी मुख्यमंत्री आवास के दूसरे दरवाजे पर नीतीश कुमार का इंतजार करते रह गए और मुख्यमंत्री दूसरे रास्ते से विधानसभा पहुंच गए।
पटनाः पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से सीबीआई की पूछताछ को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चिंतित दिखे। उन्होंने विधानसभा में तेजस्वी यादव से पूछा कि राबड़ी आवास से सीबीआई की टीम गई क्या? इस पर तेजस्वी बोले, हां अभी सब गया। दरअसल, सीबीआई की टीम जब राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही थी।
तो ठीक उसी वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा जाने के लिए निकले थे। अमुमन नीतीश कुमार राबड़ी आवास होते हुए विधानसभा जाते थे, लेकिन आज उन्होंने अचानक रास्ता बदल लिया और दूसरे रास्ते से विधानसभा पहुंचे। इधर, मीडियाकर्मी मुख्यमंत्री आवास के दूसरे दरवाजे पर नीतीश कुमार का इंतजार करते रह गए और मुख्यमंत्री दूसरे रास्ते से विधानसभा पहुंच गए।
वहीं, नीतीश जब विधान परिषद से विधानसभा जा रहे थे, इसी दौरान उनकी तेजस्वी से मुलाकात हुई तो मुख्यमंत्री ने उनसे पूरे मामले की जानकारी ली और राबड़ी देवी को लेकर पूछा। फिर तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मम्मी (राबड़ी देवी) विधान परिषद आ रही है।
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चिंत हुए और सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए आगे बढ गए। जबकि तेजस्वी यादव ने विधान परिषद पोर्टिको में अपनी मम्मी(राबडी देवी) को रिसिव किया और उनको लेकर अंदर चले गये। अधिकारियों ने बताया कि आवास पर कोई तलाशी नहीं हुई या कोई छापा नहीं मारा जा रहा।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और विशेष अदालत ने पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य तथा अन्य लोगों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भेजा है। उन्होंने कहा कि एजेंसी कथित घोटाला मामले में जांच कर रही है।
सीबीआई का दल मामले में आगे की जांच के सिलसिले में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी का दल मामले में लालू प्रसाद के परिवार से कुछ और दस्तावेज भी मांग सकता है। यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है।
यह मामला तब का है जब प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी पदों पर नियुक्त किया गया और इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन स्थानांतरित की। बाद में इस कंपनी का स्वामित्व प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने अपने हाथ में ले लिया था।
यह भी आरोप लगाया गया हैकि पटना में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने पांच बिक्री सौदों, दो उपहार सौदों के माध्यम से 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लोगों से ली। इसके लिए विक्रेताओं को नगद भुगतान करने को कहा गया। इस जमीन की कीमत वर्तमान सर्किल रेट के अनुसार 4.32 करोड़ रुपये है।
लेकिन लालू प्रसाद के परिवार को यह जमीन इससे बहुत कम दाम में बेची गई। साथ ही आरोप है कि नियुक्तियों के लिए रेलवे प्राधिकरण की ओर से जारी दिशानिर्देशों और आवश्यक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर कथित लाभार्थियों की सेवाएं नियमित की गईं।