Bihar Ki Taja Khabar: लॉकडाउन के बीच कई जिलाधिकारियों ने किया अपने पद का दुरुपयोग, पास जारी करने का लगा आरोप  

By एस पी सिन्हा | Updated: April 23, 2020 18:31 IST2020-04-23T18:31:17+5:302020-04-23T18:31:17+5:30

बिहार में अभी कोरोना महामारी एक्ट लागू है. इसके तहत किसी भी तरह की बंदिश और छूट देने का अधिकार सिर्फ डीएम को है.

Bihar Ki Taja Khabar: Amidst the lockdown, many District Magistrates misused their position, accused of issuing passes | Bihar Ki Taja Khabar: लॉकडाउन के बीच कई जिलाधिकारियों ने किया अपने पद का दुरुपयोग, पास जारी करने का लगा आरोप  

Bihar Ki Taja Khabar: लॉकडाउन के बीच कई जिलाधिकारियों ने किया अपने पद का दुरुपयोग, पास जारी करने का लगा आरोप  

Highlightsबासा ने अंतरराज्यीय पास जारी करने वाले सभी डीएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की है.संघ ने मुख्य सचिव से नवादा एसडीओ समेत सभी निलंबित अफसरों का निलंबन वापस करने की मांग की है.

पटना: कोरोना के जारी कहर के बीच लागू किये गये लॉकडाउन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिहार में कई जिलों के डीएम के द्वारा पास जारी कराये जाने का आरोप लगा है. भाजपा विधायक को कोटा के लिए पास जारी किये जाने के बाद नवादा के एसडीएम के निलंबन के बाद तो बासा ने बजाप्ता मोर्चा खोल दिया है. यही नहीं बासा ने बिहार के कई जिलों के डीएम के निलंबन की मांग करते हुए राज्य के मुख्यसचिव को एक ज्ञापन सौंपा है. जि़समें उनपर पद के दुरूपयोग करने का आरोप लगा है.

बिहार में अभी कोरोना महामारी एक्ट लागू है. इसके तहत किसी भी तरह की बंदिश और छूट देने का अधिकार सिर्फ डीएम को है. लेकिन ज्यादातर जिलों के डीएम ने छोटे अधिकारियों को पास जारी करने का अधिकार दे दिया है. जबकि सरकारी कानून साफ साफ कहता है कि डीएम की मंजूरी के बाद ही कोई भी अधिकारी अंतरराज्यीय पास जारी कर सकता है. 

लिहाजा अगर पास जारी होता है तो उसके लिए पहली जिम्मेवारी डीएम की ही बनती है. ऐसे में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) ने अंतरराज्यीय पास निर्गत करने के मामले में 4 जिलों के डीएम को निलंबित करने की मांग की है. बासा के सदस्य नवादा एसडीओ के निलंबन के विरोध में 24 अप्रैल से काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया है. बासा ने अंतरराज्यीय पास जारी करने वाले सभी डीएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अधीनस्थ अफसरों को ऐसा पास जारी करने का अधिकार देना नियम के विरुद्ध है. 

पावर डेलीगेट करने से कोई पदाधिकारी अपने दायित्व निर्वहन से मुक्त नहीं हो सकता है. कहा जा रहा है कि कोई भी अधिनस्थ अधिकारी बगैर अपने वरीय पदाधिकारी के इशारे का कोई भी ऐसा काम नहीं करता है. वह भी जिले के डीएम के आगे किसी भी अधिकारी की कोई औकात नही होती है. फिर वह बगैर उनके इशारे के पास कैसे जारी कर सकता है? 

बासा ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर अंतरराज्यीय पास निर्गत करने जैसे समदर्शी मामलों में मुजफ्फरपुर के डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह, पटना के डीम कुमार रवि, जहानाबाद के डीएम नवीन कुमार, भोजपुर के डीम रौशन कुशवाहा को भी निलंबित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केवल शक्तियों के प्राधिकृत करने से कोई पदाधिकारी अपने दायित्वों के निर्वहन से मुक्त नहीं हो सकता. 

इसके अलावे अन्य डीएम के द्वारा जारी पास भी साक्ष्य के रूप में संघ ने प्रस्तुत किया. उनलोगों ने कहा कि दोषी सभी डीएम को यदि तुरंत निलंबित नहीं किया जाता है तो यह समानता एवं नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध होगा. संघ के अध्यक्ष प्रशांत शेखर सिन्हा और महासचिव अनिल कुमार ने कहा कि बासा के एक हजार अफसर कोरोना आपदा में जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. सरकार के फैसले से उनका मनोबल गिरा है और सब हतोत्साहित हैं. संघ ने मुख्य सचिव से नवादा एसडीओ समेत सभी निलंबित अफसरों का निलंबन वापस करने की मांग की है.

बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने सरकार को लिखे अपने पत्र में पूरी जानकारी दी है कि मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, भोजपुर जैसे कई जिलों में डीएम ने खुद पास जारी कर लोगों को कोटा जाने-आने की अनुमति दी. पटना के जिलाधिकारी ने भी बच्चों को लाने की अनुमति दी. सरकार ने ऐसे ही आरोप में नवादा के एसडीएम को तो सस्पेंड कर दिया, लेकिन बाकी किसी पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की. 

भोजपुर के एमडीएम पदाधिकारी अखिलेश कुमार को उनकी बहु को लाने के लिए धनबाद केंद्रीय विद्यालय से लाने का पास लॉक डाउन-2 में पास जारी किया गया है. गाडी संख्या बीआर 03 पीए 6339 के लिए पास जारी किया गया. इसके साथ ही आरा रेलवे स्टेशन के आरक्षण पर्यवेक्षक राजेश कुमार सिंह को उनके बेटे को कोटा से लाने के लिए 16 अप्रैल को लॉक डाउन-2 में पास जारी किया गया है. 

गाडी संख्या बीआर 035 3937 के लिए पास जारी किया गया है. इसके साथ ही एक और पत्र आरा न्यू पकडी मोहल्ले के रहने वाले राजेश कुमार तिवारी की पत्नी रिंकी कुमारी को जारी किया गया है. इनको भी अपनी बेटी को कोटा से लाने के लिए 16 अप्रैल को लॉक डाउन-2 में पास जारी किया गया है. गाडी संख्या बीआर 03 पीए 0555 के लिए पास जारी किया गया है.

ऐसे में अब यह आरोप लागाया जा रहा है कि कोटा के लिए भाजपा विधायक अनिल कुमार को पास जारी करने वाले नवादा के एसडीएम को निलंबित करने वाली नीतीश कुमार की सरकार ने अपने एक दर्जन से ज्यादा डीएम और अपने चहेते अधिकारियों को बचा लिया है. बिहार के एक दर्जन से ज्यादा डीएम और एसडीएम ने लोगों को कोटा आने जाने का पास निर्गत किया. लेकिन सारे अधिकारी सरकार के खास है लिहाजा कार्रवाई के बदले चुप्पी साध ली गई है. ऐसा ही एक बडा खेल आरा के सदर अनुमंडल पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने भी किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लॉकडाउन-2 में किये गए सख्त अपील के बावजूद काननू को की धज्जियां ऊदाते हुए कोटा ही नहीं झारखंड के लिए भी वीआईपी पास अपने करीबियों और जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा के करीबियों के नाम जारी देने का आरोप है.

यहां उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों को भी अपने इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन को सख्ती के साथ लागू करने का निर्देश दिया गया है. बावजूद इसके बिहार में वीआईपी ट्रीटमेंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब आरा के अधिकारी से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है.
 

Web Title: Bihar Ki Taja Khabar: Amidst the lockdown, many District Magistrates misused their position, accused of issuing passes

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