Bihar Ki Khabar: लॉकडाउन के बीच कृषि पदाधिकारी से सिपाही का पास मांगना पड़ा महंगा, कराई उठक-बैठक, सीएम ने दिये जांच के आदेश
By एस पी सिन्हा | Updated: April 21, 2020 16:01 IST2020-04-21T16:01:19+5:302020-04-21T16:01:19+5:30
अररिया में कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार द्वारा पुलिसकर्मी को अपमानीत करने का मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका संज्ञान लिया है.

Bihar Ki Khabar: लॉकडाउन के बीच कृषि पदाधिकारी से सिपाही का पास मांगना पड़ा महंगा, कराई उठक-बैठक, सीएम ने दिये जांच के आदेश
पटना: कोरोना के कहर को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान बिहार में एक अधिकारी पर रुतबे का नशा ऐसा सर चढ़कर बोला कि उन्होंने सरेआम एक सिपाही की ऐसी तैसी कर डाली. मामला अररिया जिले से जुडा है, जहां के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने अपना रौब दिखाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस के एक सिपाही को सड़क पर बेइज्जत कर दिया. यही नहीं उससे माफी मंगवाते हुए उसकी उठक-बैठक भी करवाई. सिपाही का कसूर केवल इतना था कि उसने लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी की गाड़ी रोक डाली.
बताया जाता है कि सिपाही यह जानकारी लेना चाह रहा था कि गाड़ी किसकी है? पास जारी हुआ है या नही? लेकिन इतनी सी बात पर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार भड़क गए उन्होंने सिपाही की ऐसी की तैसी कर दी. एक पदाधिकारी के द्वारा की गई बेइज्जती पूरे पुलिस महकमे पर प्रश्नचिह्न लग गई. ऐसे में ऑन ड्यूटी जवान से उठक बैठक कराने वाले अधिकारी पर गाज गिरनी तय हो गई है.
इस बीच, अररिया में कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार द्वारा पुलिसकर्मी को अपमानीत करने का मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका संज्ञान लिया है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले पर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी हैं. इसके बाद कार्रवाई तय मानी जा रही है. वहीं, इस संबध में पूछे जाने पर अररिया की एसपी धूरत सयाली सवलाराम ने बताया कि मामले जांच की जा रही है है. रिपोर्ट मिलने के बाद कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
उधर, मामला प्रकाश में आते ही नेता विपक्ष तेजस्वी यादव बिहार के बेलगाम अफसरशाही पर जमकर बरसे हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बिहार में अफसरशाही बेलगाम है. कैसे जिला कृषि अधिकारी एक बुजुर्ग होमगार्ड से उठक-बैठक करवा रहा है क्योंकि कर्तव्यपरायण होमगार्ड ने उससे गाडी का पास दिखाने को कहा था. हाल ही में बेगूसराय में पुलिस कस्टडी में 2 युवाओं की संस्थानिक हत्या हुई है. जनप्रतिनिधियों की कोई नहीं सुन रहा.
वहीं, इस मामले में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि अररिया में कृषि पदाधिकारी और होमगार्ड के बीच एक वीडियो वायरल हुआ है जिसको लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर पूर्णिया को आदेश दिया गया है कि इस मामले को लेकर कर जांच कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट दें. जिस तरह से अधिकारियों द्वारा जो काम किया गया है वह काफी आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ये घटना काफी आपत्तिजनक है.
हमारे गृह रक्षा वाहिनी के जवान लॉकडाउन में अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं. ऐसे में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जो व्यवहार किया गया है वो काफी आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि हम पुलिस के जवानों की सराहना करते हैं, प्रशंसा करते हैं और पुलिस के जवान लॉकडॉउन में जान हथेली पर रखकर इसे सफल बनाने में देश और राज्य हित में काम कर रहे हैं. उनके साथ जिन लोगों ने भी गलत व्यवहार किया है इसके खिलाफ जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई तय है.
बता दें कि अभी लॉकडाउन की वजह से किसी को भी गाडी से निकलने के लिए रोड पास बनवाना होता है. पास नहीं रहने पर जुर्माना देना पडता है, चाहे कोई भी हो, सबको ये आदेश मानना है. लेकिन, बिहार के अररिया जिले का एक वायरल वीडियो जिसमें एक जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा एक सिपाही को इसलिए सरेआम बेइज्जत किया जाता है कि उसने पदाधिकारी से रोड पास दिखाने को कहा था. इस बात पर पदाधिकारी इतने नाराज हो गए कि उनकी नाराजगी को देखते हुए सिपाही को सरेआम सजा सुना दी. बताया जा रहा है कि यह घटना दो दिन पहले की है. अररिया जिले के बैरगाछी के पास कृषि विभाग के वाहन से जिला कृषि पदाधिकारी किसी काम से जा रहे थे कि ड्यू टी पर तैनात सिपाही ने पास दिखाने को कहा और कहा जब पदाधिकारी ने कहा कि पास नहीं है तो चौकीदार ने जुर्माना देने की बात कह दी. सिपाही की ये बात वहां तैनात पुलिस के आला अधिकारी तक पहुंच गई फिर क्या था? पुलिस के आला अधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी के एक सिपाही से पास मांगने और जुर्माना देने की बात कहने की सजा सुनाते हुए तुरत सिपाही को उनसे माफी मांगने को कहा. इतना ही नहीं, सिपाही से कान पकडकर उठक-बैठक कराई गई और साथ ही पदाधिकारी के पैर छूकर माफी भी मंगवाई गई. इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें यह साफ दिख रहा है कि किस तरह से सरेआम 55 साल के सिपाही जिसका नाम गोनू तात्मा है, उसे बेइज्जत करते हुए उससे उठक-बैठक कराई जा रही और पैर छूकर माफी मंगवाई जा रही है.
वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद अररिया एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने पूछे जाने पर फोन पर बताया कि सिपाही खुद ही उठक-बैठक करने लगा था, कृषि पदाधिकारी ने उससे ऐसा करने को नहीं कहा थाअ. उनका कहना है कि इस मामले की मैंने खुद जांच की है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि अररिया के डीएसपी पुष्कर कुमार जिला कृषि पदाधिकारी को बचाने का हरसंभव प्रयास करेंगे.
इसबीच, अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बिहार पुलिस के एक सिपाही को सड़क पर बेइज्जत किए जाने के मामले में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने जल्द एक्शन लेने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि सड़क पर जिस तरह सिपाही को बेइज्जत किया गया उसका हक किसी को नहीं है. उन्होंने कहा है कि अगर हमारे महकमे में कोई सिपाही और अधिकारी गलती करता है तो उसकी सजा तय करने का हक केवल मुख्यालय को है. लेकिन जिस तरह सिपाही को कान पकडकर उठक बैठक कराई गई वह काबिले बर्दाश्त नहीं है. डीजीपी ने कहा कि मैंने एसपी से बात की है उसकी सूचना सरकार को दे दी है. सरकार संज्ञान ले रही है. आज जांच रिपोर्ट आ जाएगी उसका मैं इंतजार कर रहे हैं. सिपाही नहीं वह चौकीदार हैं लेकिन वह हमारा अंग है. उसके इज्जत को खराब कर जो अधिकारी अपनी इज्जत बनाना चाहते वह बहुत ही शर्म की बात है.