बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए जदयू के महेश्वर हजारी, पक्ष में 124 वोट मिले, राजद के भूदेव चौधरी हारे
By एस पी सिन्हा | Updated: March 24, 2021 18:07 IST2021-03-24T15:06:15+5:302021-03-24T18:07:30+5:30
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन जदयू विधायक महेश्वर हजारी डिप्टी स्पीकर चुन लिए गए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में वह सदैव सक्रिय रहे हैं। (file photo)
पटनाः बिहार विधानसभा में उपाध्यक्ष का चुनाव आज मतदान के जरिये संपन्न हो गया। जदयू विधायक महेश्वर हजारी को इस पद के लिए चुना गया है।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उनके उपाध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की। सदन में कराए गए एकतरफा मतदान में महेश्वर हजारी के पक्ष में 124 वोट मिले, वहीं विपक्ष की गैरहाजिरी के कारण उनका मतदान नही हो सका, उपाध्यक्ष पद के लिए महेश्वर हजारी के अलावा राजद की ओर से भूदेव चौधरी भी मैदान में थे।
विपक्ष के नहीं रहने के कारण एकतरफा मतदान संपन्न हुआ
पूर्व मंत्री व जदयू विधायक महेश्वर हजारी और राजद प्रत्याशी के तौरपर भूदेव चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था। संसदीय कार्य मंत्री व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विपक्ष की अनुपस्थिति को देखते हुए मामले में मतदान कराने की मांग सदन के सामने रखा, जिसे मंजूर करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने मतदान कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे पहले उपाध्यक्ष पद के लिए दो नामों को लेकर सदन में प्रस्ताव दिया गया, लेकिन विपक्ष के नहीं रहने के कारण एकतरफा मतदान संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी बधाई
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में वह सदैव सक्रिय रहे हैं। वह लोकसभा और विधानसभा के सदस्य के रूप में जो काम किया है, उसे आगे बढ़ाते हुए सदन का बेहतर ढंग के अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को जमकर खरीखोटी भी सुनाई।
उन्होंने कहा इस पद के लिए विपक्ष की तरफ से नामांकन किया गया था, लेकिन वह जानते थे कि बहुमत हमारे साथ है। इसलिए उन्होंने वोटिंग में हिस्सा लेना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि 124 वोट मिलना इस बात का सबूत है कि विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए वह सबसे बेहतर दावेदार थे। उन्होंने कहा कि यह घोर आश्चर्य का विषय है कि विपक्ष की तरफ से कोई मौजूद नहीं था।
महेश्वर हजारी के पक्ष में कुल 4 प्रस्ताव आए थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से महेश्वर हजारी के पक्ष में कुल 4 प्रस्ताव आए थे, जबकि विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के लिए 6 प्रस्ताव रखे थे।लेकिन आज सदन में उनकी गैरमौजूदगी बता रही है कि बहुमत को लेकर उनके दिमाग में भी स्थिति स्पष्ट है। नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में हुई घटना का जिक्र करते हुए एक बार फिर सदन में अफसोस जताया।
उन्होंने कहा कि सदन बहुमत और नियमों से चलता है ना कि जोर जबर्दस्ती से। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग भी सदन में इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, वह अपना नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पता नहीं ऐसे लोगों के कौन सलाहकार हैं जो उन्हें अपना ही नुकसान करने की सलाह दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने शालिनता दिखाई, सदन की कार्यवाही में भाग लिया।
विपक्ष की हरकतों की जमकर आलोचना की
लेकिन अंततोगत्वा जिस तरह से कल उन्होंने जिस तरह की हरकत की, वह सही नहीं था। इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रियों का बचाव करते हुए कहा कि सभी ने अपने काम को बेहतर तरीके से सदन के सामने रखा. लेकिन फिर भी कुछ लोगों के मन में क्या चल रहा होता है, यह हम नहीं बता सकते हैं। मुख्यमंत्री यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कल हुई घटना को लेकर भी विपक्ष की हरकतों की जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत से सरकार बनती है। अगर उनको आपत्ती थी तो सदन में अपनी बात रखते। कल से पहले सब कुछ सही था, अचानक क्या हुआ? इससे पहले सदन में उन्हें बोलने का मौका दिया गया. अध्यक्ष ने सभी को सवाल करने का मौका दिया। सदन में सबको मौका दिया गया, सत्र के संचालन में एक दिन को छोड़कर सभी दिन बेहतर तरीके से कार्यवाही चला।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मत विभाजन के जरिए चुनाव कराया
इसके लिए अध्यक्ष बधाई दी गई। वहीं, उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि इस मौके पर विपक्ष के विधायक भी सदन में शामिल रहते तो और बेहतर होता. उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया के दौरान राजद सहित सभी विपक्षी दलों के विधायक सदन के बाहर ही बैठे रहे। बिहार विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन राजद और अन्य विपक्षी पार्टियों के निर्वाचित प्रतिनिधि सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए. विपक्ष की अनुपस्थिति में आज विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मत विभाजन के जरिए चुनाव कराया।
243 सदस्यीय विधानसभा में महेश्वर हजारी के पक्ष 124 मत मिले और विपक्ष के प्रत्याशी भूदेव चौधरी के पक्ष में एक भी सदस्य का मत नहीं मिला। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विपक्ष की गैरमौजूदगी के बावजूद महेश्वर हजारी को जीत के लिए जरूरी मतों से ज्यादा मत मिले हैं। यहां बता देम कि छह वर्ष बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई।
एनडीए के खाते में जाना पहले से ही तय था
संख्या के लिहाज से यह पद एनडीए के खाते में जाना पहले से ही तय था। विधानसभा सचिव के कक्ष में हुए नामांकन के मौके पर यह चर्चा रही थी कि मतदान में शामिल होने के लिए दोनों गठबंधन अपने-अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर सकते हैं।
छह साल पहले 2012 से 2015 तक विधानसभा में भाजपा के अमरेंद्र प्रताप सिंह ने उपाध्यक्ष पद का दायित्व निभाया था। उधर, उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान राजद और महागठबंधन के विधायकों ने सदन के बाहर विधानसभा परिसर में ही समांतर सत्र चलाया। विपक्ष की ओर से भूदेव चौधरी को समांतर विधानसभा के लिए अध्यक्ष चुना गया था।