बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को मंत्री बनाए जाने को पटना हाईकोर्ट में दी चुनौती, 19 जुलाई को होगी सुनवाई

By अभिषेक पारीक | Updated: July 13, 2021 19:56 IST2021-07-13T19:46:19+5:302021-07-13T19:56:34+5:30

संतोष कुमार की ओर से दायर अर्जी पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने आंशिक सुनवाई के बाद मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को करने का आदेश दिया है।

Bihar: JDU leader Ashok Chaudhary's appointment as minister is challenged in Patna High Court | बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को मंत्री बनाए जाने को पटना हाईकोर्ट में दी चुनौती, 19 जुलाई को होगी सुनवाई

अशोक चौधरी। (फाइल फोटो )

Highlightsबिहार में जदयू के नेता अशोक चौधरी को भवन निर्माण मंत्री के पद पर नियुक्ति को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी है। संतोष कुमार की ओर से दायर अर्जी पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को करने का आदेश दिया है। भारतीय संविधान की धारा 163 (1) के तहत मंत्री अशोक चौधरी की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। 

बिहार में जदयू के नेता अशोक चौधरी को भवन निर्माण मंत्री के पद पर नियुक्ति को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी है। संतोष कुमार की ओर से दायर अर्जी पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने आंशिक सुनवाई के बाद मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि भारतीय संविधान की धारा 163 (1) के तहत मंत्री अशोक चौधरी की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। 

उन्होंने बताया कि अशोक चौधरी को मंत्री के रूप में नियमों के विरुद्ध छह मई, 2020 से पांच नवंबर, 2020 तक कार्य करने दिया गया, जबकि विधान परिषद के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल छह मई, 2020 को ही समाप्त हो गया था। उसके बाद किसी भी सदन के सदस्य नहीं होने के बावजूद इन्हें 16 नवंबर 2020 को फिर से मंत्री पद का शपथ ग्रहण करा दिया गया। उसके बाद 17 मार्च को राज्यपाल ने अशोक चौधरी को विधान पार्षद के रूप में मनोनीत किया।

उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 (1) तथा 164 (4) का हवाला देते हुए कहा कि मंत्री पद पर बने रहने के लिए किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। किसी भी सदन के सदस्य नहीं होने के बावजूद किसी को मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन मंत्री को छह माह के अंदर किसी सदन का चुनाव जीत सदस्य बनना अनिवार्य है।भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने किसी सदन का चुनाव लड़ा ही नहीं है, उन्हें मनोनीत किया गया है। ऐसे में वे पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। मंत्री पद पर उनकी नियुक्ति व राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया जाना संविधान के नियमों के विरूद्ध है।
 
मामले पर महाधिवक्ता ललित किशोर के अनुरोध किया कि उक्त याचिका की सुनवाई के लिए एक सप्ताह बाद रखा जाए। इस मामले में हाईकोर्ट अगली सुनवाई 19 जुलाई को करेगा। याचिकाकर्ता की तरफ से दी गई दलील अगर सही पाई गई तो मंत्री अशोक चौधरी की मुसीबत बढ़ सकती है, साथ ही साथ सरकार की भी फजीहत होगी। इस मामले पर फिलहाल मंत्री अशोक चौधरी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

Web Title: Bihar: JDU leader Ashok Chaudhary's appointment as minister is challenged in Patna High Court

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