बिहार में जदयू और राजदः कोई भी निर्णय सिर्फ लालू यादव ही लेंगे, कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने सीएम नीतीश कुमार पर तरेरी आंखें
By एस पी सिन्हा | Published: September 14, 2022 03:38 PM2022-09-14T15:38:59+5:302022-09-14T15:40:01+5:30
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफे के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस मामले को लेकर उनकी बातचीत राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी हुई है।
पटनाः बिहार में बेखौफ अपराधियों के द्वारा मचाये जा रहे तांडव की खबरें एक तरफ जहां सुर्खियों में है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के अंदर भी जदयू और राजद टकराव के मोड में नजर आ रहे हैं।
दरअसल, कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के उस बयान को लेकर सियासत गर्माया हुआ है, जिसमें उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को चोर और खुद को चोरों का सरदार बताया था। यही नहीं अपने उपर भी सरदारों के होने की बात कहकर सनसनी मचा दी थी। सुधाकर सिंह के इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी नाराज बताये जा रहे हैं।
इसबीच, सूबे की राजनीतिक गलियारे में सुबह से यह चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार ने मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफे के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस मामले को लेकर उनकी बातचीत राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी हुई है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
उधर, कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने इस्तीफे की अटकलों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी पार्टी के समर्पित सिपाही हैं और उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सिर्फ और सिर्फ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ही कोई फैसला कर सकते हैं। वे मंत्री रहेंगे या नहीं सिर्फ उनके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही तय कर सकते हैं।
मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि बेशक नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता है, लेकिन वे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के कहने से वे मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि उनके बयान से बहुत लोगों को तकलीफ भी हो रही है, लेकिन वे अपने विचारों से पीछे नहीं हटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उनका मुख्यमंत्री से कोई झगड़ा नहीं है।
सरकार से बगावत करने पर पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के हश्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले 17 सालों में बहुत से लोगों ने तकलीफें झेली है। कोई अकेले सिर्फ शहाबुद्दीन ने ही परेशानी नहीं झेली थी बल्कि आनंदमोहन, जॉर्ज फर्नांडिस, दिग्विजय सिंह ने भी परेशानी झेली है।
उन्होंने कहा कि सरकार के मार से आज तक कोई नहीं बचा है, वे खुद चार महीना जेल में रहे। उन्होंने अपने इस्तीफे पर कहा कि वे उनके विभाग में जो भी गड़बड़ियां है उसे दूर भी करेंगे और खूंटा ठोक से कृषि विभाग को चलाएंगे भी। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की इच्छा से वे आज मंत्री हैं और अगर उनकी इच्छा नहीं होगी तो वे मंत्री नहीं रहेंगे।