पटना: दिवाली के मौके पर बिहार में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत का मामला सामने आया है। गोपालगंज में जहरीले शराब का सेवन करने से 9 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है। ये घटना दो दिन पहले हुई थी। प्रशासन ने तब तीन लोगों की मौत की पुष्टि की थी। वहीं अब बताया है कि 7 लोगों को अस्पताल में भी इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। डीएम डॉक्टर नवल किशोर चौधरी ने जिले में जहरीले शराब से लोगों की मौत की पुष्टि की है।
दूसरी ओर बेतिया से भी बुरी खबर है। बेतिया में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हुई है। वहीं कई लोग बीमार पड़े हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बेतिया की घटना नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिणी तेलहुआ गांव की बताई जा रही है। मरने वालों में पंचायत के वार्ड नंबर 2, 3 और 4 के लोग हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार की देर शाम कुछ लोगों ने शराब पी थी। इसके कुछ समय बाद ही लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी।
बिहार में जहरीली शराब से मौत की पहले भी होती रही है घटनाएं
बेतिया में जहरीली शराब से मरने वालों की पहचान बच्चा यादव, महाराज यादव, हनुमंत सिंह, मुकेश पासवान, जवाहर सहनी, उमा साह, रमेश सहनी और राम प्रकाश राम के तौर पर हुई है। वहीं, गोपालगंज के महम्मदपुर थाने के महम्मदपुर गांव में जहरीली शराब से 9 लोगों की मौत हुई है।
बिहार में शराबबंदी लागू है। ऐसे में कई बार लोगों के जहरीली शराब से मरने की खबर पिछले कुछ वर्षों में आती रही है। इसी साल जुलाई में भी पश्चिम चंपारण में जहरीली शराब से 16 लोगों की मौत की घटना सामने आई थी।
वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पर प्रतिबंध समाज के हित में है। कुमार ने लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसी घटनाओं को होने से रोकने में सरकार की मदद करें क्योंकि शराब का सेवन 'स्वास्थ्य और समाज' के लिए हानिकारक है।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम से इतर कुमार ने पत्रकारों से कहा, 'हमने राज्य में शराब पर प्रतिबंध इसलिए लगाया क्योंकि शराब एक गंदी चीज है। शराब के दुष्प्रभाव बढ़ जाते हैं जब उसमें कुछ मिलावट की जाती है। मुझे पता है कि राज्य में ज्यादातर लोग शराब पर पाबंदी के पक्ष में हैं। कुछ मुट्ठीभर लोग ही शराब पर पाबंदी का उल्लंघन करते हैं।'